गुवाहाटी : बिजली और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि कोयला नीलामी की पारदर्शी प्रक्रिया को दुनिया भर में सराहा गया है और यह देश के विकास के इतिहास में एक नयी शुरुआत है. राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के बिजली, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा तथा खान मंत्रियों के सम्मेलन में गोयल ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल सितंबर में 204 कोयला ब्लाक का आबंटन रद्द कर दिया.
इसके कारण उत्पन्न बडे संकट को दूर करते हुए यह सफलता हासिल की गयी.’ सूचना प्रौद्योगिकी एप्लीकेशन के जरिये नीलामी की पारदर्शी प्रक्रिया हासिल की गयी और अब तक 29 कोयला ब्लॉक की नीलामी से 1,71,961 करोड रुपये का राजस्व अनुमानित है. मंत्री ने कहा कि इसके अलावा रॉयल्टी के रुप में 20,620 करोड रपये तथा बयाना के रुप में 930 करोड रपये राज्यों को प्राप्त होंगे.
उन्होंने कहा कि बिजली क्षेत्र के लिये 12 ब्लॉक की नीलामी से उपभोक्ताओं को शुल्क रियायत के रूप में 69,310 करोड रुपये मिलेंगे. इसके अलावा 38 ब्लाक सरकारी कंपनियों को आबंटित किये जाने से राज्यों को राजस्व के रूप में 65,573 करोड रुपये तथा 76,281 करोड रुपये रॉयल्टी के रूप में मिलेंगे. मंत्री ने ये भी कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड के लिये 2019-20 तक एक अरब टन उत्पादन योजना तैयार की गयी है.
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