-मनोज अग्रवाल-
भारत की लिंक वेस्ट नीति के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से यानी नौ अप्रैल से 16 अप्रैल तक तीन देशों की यात्रा पर रहेंगे. प्रधानमंत्री की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य मेक इन इंडिया मुहिम को बढ़ावा देना और देश में निवेश आकर्षित करना होगा. प्रधानमंत्री जिन देशों के दौरे पर जा रहे हैं वे दो देश फ्रांस और जर्मनी यूरोप की दो सबसे बड़ी इकोनॉमीज है. इसके अलावा कनाडा है जो एक विकसित देश है और जी-7 का सदस्य भी. प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी की यूरोप और कनाडा की यह पहली यात्रा होगी.
निर्यात को बढावा देने पर जोर
फ्रांस, जर्मनी और कनाडा के अपने दौरे पर भारतीय प्रधानमंत्री ऊर्जा सुरक्षा एवं ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में इन देशों की भागीदारी तथा इन देशों में भारतीय निर्यात को बढ़ाने पर जोर देंगे जिससे भारत में रोजगार के अवसर बढ़ सकें.
फ्रांस के साथ रक्षा सौदों पर चर्चा
नरेंद्र मोदी नौ अप्रैल को फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंचेंगे. फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद एवं अन्य नेताओं के साथ उनकी बैठक में रक्षा सौदों पर चर्चा होने की संभावना है. खासकर 126 मल्टीरोल मीडियम रेंज कॉम्बेट एयरक्राफ्ट राफेल के लंबित सौदे तथा परमाणु सहयोग का मुद्दा छाये रहने की संभावना है. 12 अरब डॉलर की राफेल डील पर पिछले 3 साल की लंबी बातचीत के बाद भी अंतिम फैसला नहीं हो पाया है. भारत एवं फ्रांस रक्षा के अलावा अंतरिक्ष, रेलवे एवं परमाणु क्षेत्र में भी मिलकर काम कर रहे हैं और इन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी बातचीत होने की संभावना है.
हनोवर मेले का उद्घाटन करेंगे मोदी
प्रधानमंत्री 12 तारीख को जर्मनी के हनोवर शहर पहुंचेंगे जहां हनोवर के मेयर और जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल से उनकी मुलाकात होगी. रात में प्रधानमंत्री के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया जाएगा. अगले दिन 13 अप्रैल को वह जर्मन चांसलर के साथ हनोवर औद्योगिक मेले का उद्घाटन करेंगे और मेले के कुछ मंडपों का दौरा करेंगे. हैनोवर मेस नाम के इस ट्रेड फेयर में मेक इन इंडिया को प्रोमोट किया जाएगा. इस महोत्सव में भारत साझीदार देश के रूप में भाग ले रहा है. इससे पहले 2006 में भी भारत इस महोत्सव में साझीदार रह चुका है. इसके बाद श्री मोदी बर्लिन जाएंगे जहां उनकी जर्मन चांसलर के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी.
कूटनीतिक संबंधों को देंगे निजी रिश्तों की पुट
नरेंद्र मोदी अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान वहां के राष्ट्रपति ओलांद के साथ बोट की भी सवारी कर सकते हैं. ध्यान रहे कि मोदी अपनी हर कूटनीतिक यात्रा को निजी स्तर पर ले जाते हैं और वहां के राष्ट्र प्रमुख से निकटता व निजी संबंध बनाने का संदेश विश्व बिरादरी को देते हैं. अमेरिका यात्रा के दौरान जूनियर मार्र्टिन लूथर किंग के समाधि पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ उनका जाना ऐसा ही प्रयास था या फिर जापान यात्र के दौरान वहां के प्रधानमंत्री के साथ बौद्ध मंदिर जाना.
कनाडा के साथ संबंधों को सुदृढ बनाने पर जोर
आठ दिन की अपनी यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में वह कनाडा जाएंगे. यहां मोदी कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर से मुलाकात करेंगे. दोनों देश अपने संबंधों को सुदृढ करने पर जोर दे सकते हैं. कनाडा के प्रधानमंत्री भी मोदी की यात्रा को लेकर काफी उत्साहित हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कनाडा के साथ संबंधों को सुदृढ बनाने और कनाडा में नेताओं, उद्योग जगत के शीर्ष नेताओं और वहां रहने वाले भारतीयों से मुलाकात करने को लेकर उत्सुक हूं.
काले धन के मुद्दे पर भी बातचीत संभव
विदेशों में भारतीयों के छिपाए काले धन को स्वदेश लाने की मुहिम को तेजी देने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा काफी अहम है. कुछ वर्षो से इन दोनों देशों के साथ भारत के कराधान संबंधी रिश्ते राजनीतिक बहस का मुद्दा बना हुआ है. यही वजह है कि पीएम मोदी इस यात्रा के दौरान काले धन की रोकथाम के लिए दोनों देशों फ्रांस और जर्मनी के साथ विशेष बातचीत कर सकते हैं. अपनी मारीशस यात्रा के दौरान भी मोदी ने वहां काले धन पर सूचनाओं का बेहतर व सटीक तरीके से आदान-प्रदान करने के मुद्दे पर बातचीत की थी.