नयी दिल्ली: माकपा ने आंध्र प्रदेश में लाल चंदन तस्करों के खिलाफ पुलिस के एक अभियान में 20 लोगों के मारे जाने की घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग करते हुए आज आरोप लगाया कि ‘‘आम श्रमिक पुलिस की बर्बरता’’ का निशाना बन गए.
माकपा ने इस अभियान में मारे गए लोगों के परिजन को मुआवजा देने की मांग की है. माकपा ने तेलंगाना में हुई उस मुठभेड पर भी सवाल खडे किए हैं जिसमें कथित रुप से सिमी से जुडे पांच विचाराधीन कैदियों की मौत हो गई थी. पार्टी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने दो पुलिसकर्मियों की हत्या का बदला लेने के लिए ‘‘सोच समझ’’ कर यह कार्रवाई की थी.
पार्टी ने कहा, ‘‘ पुलिस हिरासत में इस प्रकार निर्लज्ज तरीके से की गई हत्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. मामले की उच्च स्तर पर जांच होनी चाहिए और दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जानी चाहिए जिससे मिसाल कायम होगा.’’ माकपा ने दावा किया कि चित्तूर जिले में मारे गए लोग वे श्रमिक थे जिन्हें तस्करों ने लाल चंदन की लडकियां काटने के काम के लिए रखा था.
पार्टी ने एक बयान में कहा, ‘‘ माकपा पोलित ब्यूरो आंध्र प्रदेश में पुलिस की कार्रवाई की निंदा करता है. इस मामले में पुलिस के दावे उचित नहीं लगते क्योंकि इस बात को साबित करने के पर्याप्त सबूत हैं कि इन श्रमिकों की पूर्व नियोजित तरीके से हत्या की गई.’’ माकपा ने अपने बयान में कहा कि राज्य सरकार और पुलिस लाल चंदन की तस्करी को रोकने में असफल रही हैं और इस संबंध में उचित कदम उठाने के बजाए आम श्रमिकों को पुलिस की बर्बरता का निशाना बनाया गया.
पार्टी ने कहा, ‘‘ पोलित ब्यूरो इस मामले की न्यायिक जांच की मांग करता है. राज्य सरकार को भी मारे गए लोगों के परिजन को पूर्ण मुआवजा मुहैया कराना चाहिए.’’ माकपा ने तेलंगाना में गोलीबारी को ‘‘फर्जी मुठभेड’’ करार देते हुए इसकी निंदा की और कहा कि ऐसा लगता है कि यह पूर्व में कुछ पूर्व सिमी कार्यकर्ताओं के साथ मुठभेड में दो पुलिसकर्मियों की हत्याओं का बदला लेने के लिए किया गया.