आवेदनकारी सैयद नूर अहमद के वकील सुमन शंकर चटर्जी ने कहा कि गत वर्ष 23 सितंबर को बीरभूम के कल्याणपुर गांव की रजिया सुलताना (16) पिता के साथ आसनसोल घूमने आयी थी. आसनसोल बस स्टैंड से वह लापता हो गयी. उसके पिता ने उसी दिन आसनसोल दक्षिण थाने में शिकायत दर्ज करायी थी. पुलिस ने 2014 के पांच अक्तूबर से अपहरण का मामला शुरू किया. उसके पिता ने आरोप लगाया था कि गांव के शम्सुद्दीन हक और अनारुल हक ने उनकी बेटी को जबरन उठा लिया है, लेकिन पुलिस द्वारा कुछ न करने पर इस वर्ष 13 जनवरी को हेबियस कॉर्पस (लापता याचिका) का मामला कलकत्ता हाइकोर्ट में दायर किया.
इससे पहले की सुनवाई में खंडपीठ ने राज्य सरकार को इस संबंध में एक हलफनामा जमा देने का निर्देश दिया था. आवेदनकारी की ओर से पुलिस को घर में आनेवाले फोन की लिस्ट सौंपी गयी थी. राज्य सरकार की ओर से हलफनामे में बताया गया कि फोन कॉल लिस्ट से मानस मल्लिक नामक व्यक्ति का पता चला था. वह मेमरी का रहनेवाला है.
पुलिस उसके घर में पहुंची थी, लेकिन वह फरार हो गया था. पुलिस को आशंका है कि वह कॉल असम से आया था. इसपर खंडपीठ ने नाराजगी व्यक्त की और कहा कि असम से कॉल होने के कारण क्या वह लापता लड़की का पता नहीं लगा सकते हैं. इसके बाद ही सीबीआइ जांच का निर्देश दिया गया.