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इस्सार निवेश करेगी एक हजार करोड़ सीबीएम में

आसनसोल : रानीगंज कोयलांचल से कोल बेड मिथेन गैस का दोहन कर रही इस्सार ऑयल कंपनी ने चालू वित्तीय वर्ष में अपना उत्पादन छह सौ गुणा बढ़ाने के लिए अपनी परियोजना में एक हजार करोड़ रुपये की राशि निवेश करने की घोषणा की है. इस्को स्टील प्लांट के बाद यह पहली कंपनी है जो हाल […]

आसनसोल : रानीगंज कोयलांचल से कोल बेड मिथेन गैस का दोहन कर रही इस्सार ऑयल कंपनी ने चालू वित्तीय वर्ष में अपना उत्पादन छह सौ गुणा बढ़ाने के लिए अपनी परियोजना में एक हजार करोड़ रुपये की राशि निवेश करने की घोषणा की है. इस्को स्टील प्लांट के बाद यह पहली कंपनी है जो हाल के वर्षो में इस औद्योगिक जोन में इतनी बड़ी राशि निवेश करने का निर्णय लिया है. कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन) मनीष महेश्वरी ने कहा कि कंपनी के लिए इस क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं.
सीइओ श्री महेश्वरी ने कहा कि इस समय रानीगंज कोयलांचल में एक सौ वेल (कुं आ) से कोल बेड मिथेन गैस का दोहन कर रही है. इसकी दोहन क्षमता 0.5 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर पर डे (एमएससीएमडी) है. इसके साथ ही 155 वेल की खुदाई अंतिम चरण में है. सितम्बर तक इनसे गैस का दोहन शुरू हो जायेगा. उन्होंने कहा कि 255 वेल से गैस का दोहन शुरू होने पर कंपनी की दोहन क्षमता 1.2 एमएससीएमडी हो जायेगी.
इस गैस का उपयोग औद्योगिक व घरेलू कार्यो में ज्वलनशील उत्पादों के रूप में किया जा सकता है. फिलहाल इसका उपयोग कंपनी औद्योगिक उपयोग में कर रही है. दुर्गापुर स्टील प्लांट (डीएसपी), एलॉय स्टील प्लांट (दुर्गापुर) तथा फिलिप्स कॉर्बन ब्लैक कारखाने में हो रहा है. इसका उपयोग डीजल तथा फर्नेस ऑयल के विकल्प के रूप में किया जा रहा है. दी ग्रेट इस्टर्न इनर्जी कॉरपोरेशन लिमिटेड (जीइइसीएल) भी रानीगंज कोयलांचल में इस गैस का दोहन कर रही है.
उन्होंने कहा कि बाजार में कंपनी की व्यापक संभावनाओं को देखते हुए कंपनी ने इस वित्तीय वर्ष में इस परियोजना में एक हजार करोड़ रुपये की निवेश की योजना बनायी है.
इसके माध्यम से इस परियोजना से जुड़े वेल की संख्या बढ़ कर 375 की जानी है. इससे गैस का दोहन छह सौ गुणा बढ़ कर तीन मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर पर डे हो जायेगा. कंपनी ने इसके लिए रोड मैप बना कर उसे मंजूरी भी दे दी है. सबसे महत्वपूर्ण बात है कि परिजोयना के विस्तार के लिए केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्रलय तथा राज्य सरकार के संबंधित विभाग से इसकी मंजूरी मिल गयी है. वेल की खदाई करने के लिए जमीन भी उपलब्ध हो गयी है. उपलब्ध जमीन में सौ वेल की खुदाई हो जायेगी. शेष बचे बीस वेल की खुदाई के लिए जमीन की व्यवस्था करनी होगी.
उन्होंने कहा कि कंपनी के पास वेल की खुदाई करने, दोहित गैस के भंडारण के लिए स्टेशन, कम्प्रेशर तथा बूस्टर आदि के लिए जमीन उपलब्ध है. गैस आपूत्तर्ि के लिए पाइप लाइन लीज पर ली जा सकती है. उन्होंने कहा कि पानागढ़ में अमोनिया और यूरिया का उत्पादन करने के लिए मैट्रिक्स कंपनी अपना प्लांट लगा रही है. इस कारखाने के लिए गैस आपूर्त्ति का अनुबंध कंपनी को मिल चुका है. अन्य औद्योगिक यूनिटों में भी इसका उपयोगिता को देखते हुए आपूत्तर्ि की योजना है.

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