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पटना ब्लास्ट : प्रेमिका का खुलासा, कुंदन अकूत संपत्ति का मालिक
मोबाइल में आउट गोइंग सिस्टम नहीं रखता था कुंदन रांची/बिहारशरीफ : पटना के बहादुपुर हाउसिंग कॉलोनी में हुए ब्लास्ट के मामले के मुख्य आरोपित कुंदन अकूत संपत्ति का मालिक है. यह खुलासा उसकी प्रेमिका ने पूछताछ में किया है. कुंदन को शुक्रवार को नालंदा से गिरफ्तार किया गया था. रविवार की रात को कुंदन की […]
मोबाइल में आउट गोइंग सिस्टम नहीं रखता था कुंदन
रांची/बिहारशरीफ : पटना के बहादुपुर हाउसिंग कॉलोनी में हुए ब्लास्ट के मामले के मुख्य आरोपित कुंदन अकूत संपत्ति का मालिक है. यह खुलासा उसकी प्रेमिका ने पूछताछ में किया है. कुंदन को शुक्रवार को नालंदा से गिरफ्तार किया गया था.
रविवार की रात को कुंदन की प्रेमिका से जांच एजेंसियों ने लंबी पूछताछ की. यह पूछताछ एकंगरसराय थाने में करीब सात घंटे तक चली. इस दौरान वहां एटीएस के एएसपी विभाष कुमार भी मौजूद थे.
सूत्रों के अनुसार पूछताछ के दौरान प्रेमिका ने एटीएस के एक इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारी को बताया कि कुंदन अकूत संपत्ति का मालिक है. उसके कई बैंक खाते हैं. सभी खातों में जमा रकम की गणना की जाये, तो यह राशि करीब 1.80 करोड़ हो जायेगी. हालांकि, इस संबंध पर जांच अधिकारी खुल कर बोलने को तैयार नहीं हैं. एक वरीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले में नालंदा पुलिस जांच एजेंसियों की मदद कर रही है.
प्रेमिका ने जांच एजेंसियों को बताया है कि कुंदन अपने मोबाइल में आउट गोइंग सिस्टम नहीं रखता था. मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ इन कमिंग कॉल के लिए किया जाता था. पूछताछ में कुंदन की प्रेमिका ने बताया कि कुंदन से उसकी मुलाकात ज्यादातर घर से बाहर हुआ करती थी. हाल के दिनों में उसने कई गिफ्ट भी दिये हैं. उसने कहा कि कुंदन के खौफनाक मंसूबे की जानकारी मुङो नहीं थी. पुलिस सूत्रों के अनुसार कुंदन शराब का आदी था. उसकी कई प्रेमिकाएं हैं.
जांच एजेंसियों को किंगपिन गणोश शंकर की तलाश
जांच एजेंसियों को ब्लास्ट के किंगपिन गणोश शंकर की तलाश है. खबर है कि उसके इशारे पर ही कुंदन ने गैंग तैयार किया था, जिसमें कुंदन के अलावा अभिषेक, छोटू व सोनू थे. सूत्रों की मानें, तो पीएलएफआइ से संबंध रखनेवाला गणोश पटना कीबड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियों से लेवी लेने की फिराक में था.
इस काम के लिए कुंदन को तैयार किया गया था. करीब छह माह पूर्व इसी गणोश के इशारे पर नालंदा जिले के हिलसा व बिहारशरीफ के रामचंद्रपुर बस स्टैंड में धमकी से भरे परचे फेंके गये थे.
उस मामले में भी हिलसा के कुछ लड़कों के नाम पुलिस के संज्ञान में आये थे. फेंके गये परचे में भी गणोश शंकर नाम लिखा हुआ था. नालंदा पुलिस ने इसकी जांच की थी. पिछले वर्ष मार्च में बरही में आजसू नेता तिलेश्वर साहू की हत्या की गयी थी, इस मामले में हिलसा के सोनू का नाम सामने आया था. घटना के कुछ ही दिन बाद खबर आयी कि यह हत्या पीएलएफआइ ने की थी. अब उग्रवादी संगठन आतंकियों के तर्ज पर एक्सप्लोसिव का प्रयोग करने में जुटे हैं.
सूत्रों की मानें, तो उग्रवादी संगठन ग्राउंड स्तर के अपने करीबियों को एक्सप्लोसिव असेंबल करके देता है, उन्हें एक्सप्लोसिव से संबंधित सामान नहीं दिया जाता है. कुछ ऐसा ही तरीका आतंकी संगठनों का है, वह भी लड़ाकों को एक्सप्लोसिव असेंबल करके ही दिया करते हैं.
पटना पुलिस को दिग्भ्रमित करने को तो नहीं रची गयी साजिश
बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी बम ब्लास्ट के पीछे की मंशा क्या थी, इसकी जांच चुनिंदा जांच एजेंसियां कर रही हैं. एक जांच अधिकारी ने बताया कि हो सकता है कि इस घटना के पीछे उग्रवादी संगठन पटना पुलिस को दिग्भ्रमित कर किसी बड़ी साजिश का ताना-बाना बुन रही हो. अब तक के अनुसंधान में इस विस्फोट के पीछे किसी आतंकी संगठन का नाम जांच एजेंसियों ने नहीं लिया है, लेकिन विस्फोट का तरीका आतंकियों से काफी मिलता-जुलता है.
कुंदन से पूछताछ नहीं कर सकी झारखंड पुलिस
रांची. पटना के बहादुरपुर में हुए बम ब्लास्ट के मामले में गिरफ्तार कुंदन से पूछताछ करने के लिए झारखंड पुलिस कीटीम पटना पहुंची है. हालांकि सोमवार को पुलिस उससे पूछताछ नहीं कर पायी. पटना पुलिस ने कुंदन को जेल भेज दिया है.
पुलिस अभी उसे रिमांड पर नहीं ले पायी है. उल्लेखनीय है कि कुंदन का संबंध रांची, खूंटी, गुमला व चाईबासा में सक्रिय उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ से होने की बात सामने आयी है. यह भी पता चला है कि पीएलएफआइ ने ही बम बनाने की सामग्री और रासायनिक पदार्थ कुंदन व उसके सहयोगियों को उपलब्ध कराया था.
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