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दो माह में मिथिला होगी राज्य की द्वितीय राजभाषा

देवघर: वैद्यनाथ मिथिला संस्कृति मंच देवघर शाखा के तत्वावधान में भुरभुरा मोड़ स्थित संस्था भवन में रविवार को अभिनंदन सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इसमें श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के मंत्री राज पलिवार, देवघर विधायक नारायण दास, पूर्व मंत्री कृष्णानंद झा, रामायणाचार्य केडी सिंह, शशि प्रकाश, भगवान झा, एसएन सरस्वती, परमेश्वर झा […]

देवघर: वैद्यनाथ मिथिला संस्कृति मंच देवघर शाखा के तत्वावधान में भुरभुरा मोड़ स्थित संस्था भवन में रविवार को अभिनंदन सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इसमें श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के मंत्री राज पलिवार, देवघर विधायक नारायण दास, पूर्व मंत्री कृष्णानंद झा, रामायणाचार्य केडी सिंह, शशि प्रकाश, भगवान झा, एसएन सरस्वती, परमेश्वर झा आदि को चादर, माल्यार्पण व पाग पहना कर स्वागत किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यापति की तसवीर पर माल्यार्पण से की गयी. मौके पर मंत्री राज पलिवार ने कहा कि देवघर के तीर्थपुरोहित लगभग नौ सौ साल पहले मिथिला से आने के बाद भी अपने मूल को बचा कर रखे हैं.

अपने टाइटिल में दरिहरे, कम्र्हे, पलिवार आदि जोड़ कर रखे हुए हैं. जबकि वर्तमान में मिथिलांचल से आनेवाले मूल को छोड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि मिथिला की संस्कृति अति प्राचीन व समृद्ध है. विद्यापति, मंडन मिश्र, भारती आदि कई विद्वान पैदा हुए. एक से दो माह के अंदर मिथिला को द्वितीय राज भाषा का दर्जा मिल जायेगा. इसके लिए हमारी सरकार लगी हुई है. समिति को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया.

विधायक नारायण दास ने कहा कि बाबाधाम में पैदा लेनेवाले व रहनेवाले दोनों को बैद्यनाथ पुत्र होने का गौरव प्राप्त है. उन्होंने मैथिली भाषा को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिलाने के लिए विधान सभा में आवाज उठायेंगे.
पूर्वमंत्री कृष्णानंद झा ने कहा कि समय का महत्व नहीं देने पर वक्त आने पर समय भी महत्व नहीं देता है. इस क्रम में एक उदाहरण भी सुनाया. श्री झा ने विधायक नारायण दास व मंत्री राज पलिवार की प्रशंसा करते हुए कहा कि दोनों नेता उर्जावान व जुझारू हैं. दोनों से मिथिला संस्कृति को बचाने के लिए प्रांत के द्वितीय राज भाषा दिलाने के लिए विधान सभा में आवाज बुलंद करना चाहिए. उन्होंने इशारे-इशारे में मिथिला के विकास के लिए तीनों के मिल कर लड़ने का संकल्प दोहराया. अपने विषय में कहा कि पार्टी अपनी जगह है. सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा के लिए हर लाइन से बाहर जाकर भी मदद के लिए तैयार रहूंगा. मौके पर सचिव सुबोध नारायण चौधरी, रामायणाचार्य कपिल मुनि, डा नागेश्वर शर्मा, परमेश्वर झा, अरुण कुमार आदि ने अपने विचार रखे. इस दौरान चेतना चित्ति बुजुर्ग महिला ने एक बेर हे रूप त्रिपुरारी अहिं हम सर्वस्व हे स्वामी., नचारी पेश कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. अध्यक्ष ओम प्रकाश मिश्र ने अध्यक्षीय भाषण व अंजनि प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन दिया. मौके पर डा मोती लाल द्वारी, श्याम किशोर सिंह, विवेक मूर्ति, पारस कुमार सिंह झा, गुलाब फलाहारी, पं ब्रजेंद्र मिश्र, पंकज सिंह भदौरिया आदि दर्जनों गण्यमान्य लोग उपस्थित थे.

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