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जदयू-राजद के विलय से कोई फर्क नहीं : कुशवाहा

पटना: रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में जंगलराज की पुनरावृत्ति नहीं होने देने के लिए लोगों से सहयोग मांगा. साथ ही दावा किया कि राजद-जदयू के विलय से एनडीए की सेहत पर कोई असर नहीं पड़नेवाला है. रविवार को पार्टी की ओर से गांधी मैदान में […]

पटना: रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में जंगलराज की पुनरावृत्ति नहीं होने देने के लिए लोगों से सहयोग मांगा. साथ ही दावा किया कि राजद-जदयू के विलय से एनडीए की सेहत पर कोई असर नहीं पड़नेवाला है. रविवार को पार्टी की ओर से गांधी मैदान में आयोजित किसान-नौजवान महारैली में उन्होंने कहा कि राज्य को जंगलराज की ओर फिर से धकेलने का प्रयास किया जा रहा है.

10 वर्ष पहले जिस तरह संघर्ष में साथ देकर जंगलराज को खत्म कर सत्ता परिवर्तन किया गया, आज फिर से परिवर्तन की जरूरत है. संघर्ष में कई बाधाएं हैं, लेकिन इन्हें पार कर मंजिल तक पहुंचेंगे. श्री कुशवाहा ने कहा कि यह सही है कि सत्ता में परिवर्तन हुआ, लेकिन वह परिवर्तन नहीं दिखा. सत्ता में बैठे लोगों का बौराना उसके हटने की निशानी है. लोकसभा से बेहतर स्थिति विधानसभा के चुनाव में होगा. केवल संघर्ष के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है. लोगों ने मुङो दूध में से मक्खी की तरह निकाल फेंकने का प्रयास किया, लेकिन जनता के स्नेह व प्यार की वजह से हम मजबूत स्थिति में हैं.

श्री कुशवाहा ने कहा कि लालू प्रसाद व नीतीश कुमार के मिलने से एनडीए के सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़नेवाला है. जदयू का राजद में विलय नहीं, विलीन हो रहा है. जदयू अब पार्टी नहीं, व्यक्ति विशेष की जेब की पार्टी बन कर रह गयी है. लालू प्रसाद का पैर पकड़ कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लटके रहें, लेकिन कार्यकर्ता अपना मान-सम्मान देखता है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों का रालोसपा में आने पर स्वागत है. अब अगला पांच साल स्किल्ड विकास का काम करने के लिए नीतीश कुमार मौका देने की मांग कर रहे हैं. जनता अब उन्हें मौका नहीं देनेवाली है.
कृषि के लिए अलग बजट हो
उन्होंने आरोप लगाया कि ईमानदारी से प्रयास नहीं करने के कारण किसानों की बदतर स्थिति हुई है. बीज, खाद, सिंचाई, बाजार की व्यवस्था नहीं होने से किसानों की परेशानी बढ़ी है. चावल उत्पादन में 25, गेहूं उत्पादन में 19 और मक्का उत्पादन में 47 फीसदी कमी हुई है. किसानों का लाभ बिचौलिये को मिलता है. कृषि रोड मैप की एक लाख 54 हजार करोड़ की आधी राशि खर्च नहीं की गयी. 28 में 18 चीनी मिलें बंद हैं. 90 फीसदी सरकारी नलकूप बंद हैं. 76 फीसदी लोग निजी नलकूप से सिंचाई कर रहे हैं. 59 लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र सिंचित है. अनाज रखने के लिए गोदाम नहीं है. उन्होंने कहा कि रेल की तरह कृषि के लिए अलग से बजट की व्यवस्था होना चाहिए. बिजली उत्पादन में राज्य की अपनी हिस्सेदारी मात्र 94 मेगावाट है.
वित्तरहित शिक्षा नीति समाप्त होगी
राज्य में एनडीए सरकार के बनने पर वित्तरहित शिक्षा नीति समाप्त होगी. नियोजित शिक्षकों की समस्या दूर होगी. राज्य में शिक्षा व्यवस्था चौपट है. गरीब बच्चे के लिए कोई व्यवस्था नहीं, सरकारी स्कूल की व्यवस्था सबको मालूम है. किताब की जगह शराब की बोतल पकड़ायी गयी है. पुस्तकालय की जगह मदिरालय बना है. मैट्रिक परीक्षा में नकल को लेकर शर्मनाक स्थिति है. नौजवान की भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है. अयोग्य करार किये गये शिक्षकों को बहाल करने में सरकार की गलत नीति के कारण ऐसा हुआ है. रोजी-रोटी के लिए दूसरे प्रदेश में जाना पड़ रहा है. सरकार एक लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कही है. यह सफेद झूठ है. सरकार इसकी सूची जारी करे कि किसको कहां नौकरी मिली है.
श्री कुशवाहा ने कहा कि समता पार्टी के सिद्धांत पर रालोसपा चलेगी. सत्ता में आने के बाद भी उन संकल्प को याद रखेगी. धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक न्याय पार्टी के सिद्धांत में है.
महारैली को प्रदेश अध्यक्ष व सांसद डॉ अरुण कुमार, सांसद रामकुमार शर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर झा आजाद, विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह, नागेश्वर सिंह स्वराज्य, डॉ जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता, शिवराज सिंह चौहान, राजकुमार सिंह, पार्टी की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष संदीप सैनी, झारखंड के रूपेश कुमार, हरियाणा के राजकुमार गौड़ आदि ने भी संबोधित किया. अध्यक्षता प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष ललन पासवान ने की. महारैली में मखाना की माला पहना कर राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को सम्मानित किया गया.

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