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कला की धुन पर बोल रही मैथिल संस्कृति
रांची : विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने कहा कि मैथिली का मतलब समाज को जोड़ना है. मैथिली सुनने व बोलने में बहुत मीठी है. उक्त बातें उन्होंने शुक्रवार को हरमू मैदान में आयोजित तीन दिवसीय विद्यापति पर्व महोत्सव के दूसरे दिन बतौर मुख्य अतिथि कही. विद्यापति ने एक हजार से अधिक मैथिली गीतों की रचना […]
रांची : विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने कहा कि मैथिली का मतलब समाज को जोड़ना है. मैथिली सुनने व बोलने में बहुत मीठी है. उक्त बातें उन्होंने शुक्रवार को हरमू मैदान में आयोजित तीन दिवसीय विद्यापति पर्व महोत्सव के दूसरे दिन बतौर मुख्य अतिथि कही. विद्यापति ने एक हजार से अधिक मैथिली गीतों की रचना की है, जो आज भी लोगों द्वारा गुनगुनाया जाता है. मैथिली भाषा विद्यापति के कारण ही जीवित है. उनका प्रयास होगा कि मैथिली भाषा को द्वितीय राजभाषा को दर्जा मिले.
स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि मैथिल लोग बहुत ही संघर्षशील होते हैं. वह समाज में सामंजस्य बैठाने का काम करते हैं. विद्यापति एक मात्र ऐसे कवि हैं, जिन्होंने समाज के दवे कुचले वर्ग का प्रतिनिधित्व किया. मैथिली को द्वितीय राजभाषा का दर्जा देने को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा हुई है, उनका प्रयास होगा कि मैथिली भाषा को सम्मान दिलायें. कार्यक्रम का आयोजन मिथिला मंच के द्वारा किया गया है. कार्यक्रम के दौरान भाजपा नेता संजय सेठ, एसडीओ अमित कुमार व श्रीपाल झा, रामाकांत मिश्र, मनोज मिश्र, डॉ ए सी झा, सतीश झा, अमरनाथ झा, किशोर झा, प्रवीण झा तथा मैथिली मंच के सभी पदाधिकारी उपस्थित थे. इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ जय-जय भैरव गीत से हुआ.
मछली भात के लिए लगी लाइन :
कार्यक्रम स्थल के पास लगे स्टॉल में पचपन रुपये में मछली और भात की व्यवस्था की गयी है, जिसे लेने के लिए लोगों की लंबी कतार लगी थी. इसके अलावा साहित्य के स्टॉल में लोग लोककथा, धार्मिक किताबें , ऑडियो-वीडियों सीडी भी खरीद रहे थे.
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