चेन्नई : एयरसेल-मैक्सिस सौदा मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अपनी और अपने भाई की संपत्ति कुर्क कर लिये जाने पर द्रमुक नेता दयानिधि मारन ने केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई के पीछे ‘राजनैतिक प्रतिशोध’ का और एजेंसी के किसी की ‘कठपुतली’ की तरह कार्य करने का आज आरोप लगाया. प्रवर्तन निदेशालय ने दयानिधि, उनके भाई कलानिधि और उनकी पत्नी कावेरी की 700 करोड रुपये से अधिक की चल और अचल संपत्ति जब्त कर ली है.
मारन ने कहा कि वह कानून का सहारा लेंगे और मामले में बेदाग निकलेंगे. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने किसी का भी नाम लिए बिना कहा, ‘प्रवर्तन निदेशालय ने कुर्क संपत्तियों की एक लंबी सूची मीडिया को जारी की है. यह (कार्रवाई) दर्शाता है कि ऐसा राजनैतिक प्रतिशोध की वजह से किसी के इशारे पर किया गया है.’ उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने सभी कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन किया और ‘जल्दबाजी’ में कार्रवाई की. उन्होंने आज देर रात यहां जारी एक वक्तव्य में कहा, ‘यह दर्शाता है कि उसे कोई पीछे से निर्देश दे रहा है.’
मारन ने यह बयान अपनी संपत्ति कुर्क किये जाने के एक दिन बाद जारी किया है. मारन ने कहा कि यह स्पष्ट है कि उनका सन डायरेक्ट प्राइवेट लिमिटेड या साउथ एशियन एफएम लिमिटेड में कोई स्वामित्व नहीं है फिर भी इनमें पेशेवर निवेश को विचलित किया गया है. उन्होंने कहा कि एक घरेलू कंपनी में केंद्र की अनुमति के बिना विदेशी निवेश नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, ‘ऐसा नहीं किया जा सकता लेकिन राजनीति इस तरह के व्यापारिक लेन-देन में रंग भर रही है.’
उन्होंने आरोप लगया कि इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कुछ कानूनी प्रावधानों की अनदेखी की. मारन ने कहा कि मिसाल के तौर पर किसी खास संपत्ति को तभी कुर्क किया जा सकता है जब उसने उन आरोपों से लाभ अर्जित किया हो लेकिन प्रवर्तन निदेशालय ने इस मुद्दे से नहीं जुडी हुई संपत्ति को कुर्क कर लिया है. उन्होंने कहा, ‘क्या यह नहीं दर्शाता है कि प्रवर्तन निदेशालय किसी की मंशा को लागू कर रहा है.’
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.