कोलकाता : भारतीय क्रिकेट टीम के सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली ने कहा है कि 1989-90 में रणजी ट्रॉफी फाइनल में पदार्पण करते हुए उसे जीतना मेरे चमकदार क्रिकेट कैरियर का सर्वश्रेष्ठ लम्हा था. रणजी ट्रॉफी में इस जीत के 25 बरस पूरे होने पर आयोजित सम्मान समारोह के दौरान गांगुली ने कहा, 17 या 18 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में पदार्पण करना और वह भी फाइनल में. यह शायद मेरे जीवन का सर्वश्रेष्ठ लम्हा था. गांगुली ने कहा, रणजी ट्रॉफी खिताब जीतना बेहद विशेष था.
चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए गांगुली ने पदार्पण मैच में 22 रन बनाये थे. उन्होंने पांच चौके मारे थे जिसके बाद मनोज प्रभाकर ने उन्हें आउट कर दिया. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरे दिल्ली ने 278 रन बनाये थे जिसके बाद बंगाल की टीम चार विकेट पर 216 रन ही बना सकी थी.
दोनों में से कोई भी टीम ईडन गार्डन पर 23 से 28 मार्च तक हुए मैच के दौरान पहली पारी में बढत नहीं ले पाई थी. इस दौरान 26 मार्च आराम का दिन था. बंगाल को इसके बाद प्रति विकेट बेहतर प्रदर्शन के कारण विजेता चुना गया. बंगाल का प्रति विकेट औसत 54 जबकि दिल्ली का 27 . 80 रहा.