सिंगापुर के पहले प्रधानमंत्री ली कुआन यू का अंतिम संस्कार हो चुका है. लगभग तीन दशक के अपने कार्यकाल में उन्होंने सिंगापुर को छोटे बंदरगाह से कारोबार का वैश्विक केंद्र बना डाला. ली कुआन पंडित नेहरू के मित्र थे और एक बार वे भारत के राष्ट्रपति भवन के अपर्याप्त रखरखाव पर टिप्पणी कर गये थे.
इससे पता चलता है कि वे एक अच्छे मित्र थे, जो सच्चाई को छिपाते नहीं थे. ली कुआन मॉडल विश्व भर में नाम कमा चुका है क्योंकि यह ली की ही योग्यता थी कि एक उपनिवेश को उन्होंने कम समय में विश्व के दूसरे निवेश-आकर्षक देश के रूप में प्रतिष्ठित किया. उन्होंने स्वच्छता को बनाये रखने के लिए थूकनेवालों और कचरा फेंकनेवालों को सख्त कानूनी कार्रवाई से सुधारा. आज भारत को भी ऐसे नेता की जरूरत है. काश! हमारे प्रधानमंत्री ली के कुछ गुण आत्मसात करें.
मनोज आजिज, ई-मेल से