कैबिनेट की मुहर लगने के बाद अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है. राष्ट्रपति पांच अप्रैल से पहले अध्यादेश को दोबारा जारी करने की अनुमति देंगे. क्योंकि इस दिन मौजूदा अध्यादेश की समयावधि समाप्त हो रही है. यह जानकारी देर रात सूत्रों ने दी.
भूमि अधिग्रहण कानून लोकसभा में पारित हो चुका है, लेकिन यह राज्यसभा में अभी पारित नहीं हो पाया है. राज्य सभा में मोदी सरकार अल्पमत में है. सरकार ने 27 मार्च को भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को फिर से लाने के लिए राज्यसभा का सत्रवसान करने का निर्णय लिया था. यह संभवत: पहला मौका है, जब बजट सत्र के दौरान एक सत्र का सत्रवसान किया गया हो.