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भवन निर्माण के बावजूद इंटर की पढ़ाई शुरू नहीं
बिहारशरीफ/अस्थावां : विभागीय उदासीनता के कारण अस्थावां प्रखंड के +2 लोकप्रिय उच्च विद्यालय सारे की लोकप्रियता कम होते जा रही है. यहां विगत चार वर्षो से भवन निर्माण के बावजूद इंटरमीडिएट की पढ़ाई शुरू नहीं हुई है. इंटरमीडिएट कक्षाओं के लिए विद्यालय में छह कमरों का अलग से भवन भी बन कर कई वर्षो से […]
बिहारशरीफ/अस्थावां : विभागीय उदासीनता के कारण अस्थावां प्रखंड के +2 लोकप्रिय उच्च विद्यालय सारे की लोकप्रियता कम होते जा रही है. यहां विगत चार वर्षो से भवन निर्माण के बावजूद इंटरमीडिएट की पढ़ाई शुरू नहीं हुई है. इंटरमीडिएट कक्षाओं के लिए विद्यालय में छह कमरों का अलग से भवन भी बन कर कई वर्षो से तैयार है, लेकिन विद्यालय को अब तक एक भी शिक्षक उपलब्ध नहीं कराये गये हैं. विद्यालय का छात्र विकास कुमार तथा अनिल कुमार ने बताया कि विद्यालय में इंटरमीडिएट में नामांकन शुरू नहीं होने से क्षेत्र के विद्यार्थियों में भारी निराशा व्याप्त है.
विद्यालय के आसपास के सैकड़ों छात्र-छात्राओं को अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने के लिए अन्यत्र भटकना पड़ता है. विद्यालय की छात्र सोनी कुमारी ने कहा कि इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए सबसे अधिक परेशानी लड़कियों को होती है. ग्रामीण क्षेत्र की छात्राओं को पढ़ाई के लिए घर से दूर जाना काफी मुश्किल काम है. शिक्षा की इस व्यवस्था से नारी शिक्षा तथा नारी सशक्तीकरण के मार्ग में बहुत बड़ी बाधा आती है. छात्राओं के हित में यहां इंटरमीडिएट की पढ़ाई तत्काल शुरू की जानी चाहिए.
जजर्र भवन में संचालित है माध्यमिक विद्यालय
लोकप्रिय उच्च विद्यालय सारे के अधिकांश कमरे जजर्र हो चुके हैं. 1972 ई. में स्थापित इस विद्यालय के भवन को मरम्मती की सख्त जरूरत है. जजर्र भवन में हो रहे पठन-पाठन के कारण अक्सर छात्र तथा शिक्षक आशंकित रहते हैं.
विद्यालय की छात्र लवली कुमारी ने बताया कि विद्यार्थियों का ध्यान पढ़ाई से अधिक जजर्र भवन से उत्पन्न खतरे पर होता है. विद्यालय के छात्राओं ने बताया कि विद्यालय के शौचालय के जजर्र रहने से भी छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
विषयवार शिक्षकों का है अभाव
विद्यालय में विषयवार शिक्षकों की कमी से भी यहां नामांकित लगभग 250 विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है. यहां भाषा विषय हिंदी तथा अंग्रेजी के साथ-साथ शारीरिक शिक्षक नहीं रहने से विद्यार्थियों को काफी परेशानी हो रही है. विद्यालय के कई विद्यार्थियों ने बताया कि शिक्षक की कमी के कारण उनकी हिंदी तथा अंग्रजी विषय की पढ़ाई ट्यूशन पर ही निर्भर है. विद्यालय में खेल का मैदान छोटा रहने तथा शारीरिक शिक्षक की नियुक्ति नहीं होने से भी विद्यालय के छात्र-छात्रएं खेल सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं.
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