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आम आदमी पार्टी में छठा नंबर किसका है?
नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी का गृहयुद्ध जारी है, जिसके प्रथम भाग का पटाक्षेप हो चुका है और दूसरे भाग की कहानी शुरू होने की आहट मिल रही है. पार्टी ने अबतक पांच नेताओं को अहम जिम्मेवारियों से मुक्त कर दिया है. इसमें योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, प्रो आनंद कुमार, प्रो अजीत कुमार झा […]
नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी का गृहयुद्ध जारी है, जिसके प्रथम भाग का पटाक्षेप हो चुका है और दूसरे भाग की कहानी शुरू होने की आहट मिल रही है. पार्टी ने अबतक पांच नेताओं को अहम जिम्मेवारियों से मुक्त कर दिया है. इसमें योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, प्रो आनंद कुमार, प्रो अजीत कुमार झा और एडमिरल रामदास को अहम जिम्मेवारियों से मुक्त कर दिया गया है. इन पर आरोप है कि इन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ आपत्ति दर्ज करा कर आपत्तिजनक कार्य किया और यह मौजूदा भारतीय राजनीति के मुहावरे या शब्दावली के अनुसार, घोर राजनीतिक अनुशासनहीनता है.
पार्टी की लडाई बेडरूम व रात के अंधेरे तक जायेगी : प्रो आनंद कुमार
बहारहाल, पांच लोगों पर गाज गिरने के बाद अब यह सवाल हवा में तैर रहा है कि पार्टी में ऐसी स्थितियों का सामना करने वाला छठा नंबर किसका होगा. हालांकि फिलहाल, कवि, साहित्यकार, प्राध्यापक व लच्छेदार भाषा का प्रयोग करने में माहिर कुमार विश्वास का नाम एक नये विवाद में सामने आ चुका है. विश्वास पर लोकसभा चुनाव के दौरान महिला कार्यकर्ता से निजी रिश्ता स्थापित करने का आरोप है. इस नयी स्थिति पर प्रो आनंद कुमार ने पार्टी की निर्णय प्रक्रिया पर चुटकी ली है. उन्होंने कहा है आम आदमी पार्टी की लडाई अभी बेडरूम तक जायेगी. उन्होंने कहा है कि ड्राइंग रूम व रात के अंधेरे तक इसे ले जाया जायेगा. उन्होंने कहा कि ऐसी राजनीति समझ में नहीं आती है.
कुमार विश्वास का राजनीतिक भविष्य
कुमार विश्वास के राजनीतिक भविष्य को लेकर कयास लगाये जा रहे हैं. उनके खिलाफ पार्टी प्रमुख के पास शिकायत दर्ज करायी गयी है. इस शिकायत में दस ग्यारह महीने पुरानी घटना का जिक्र है. कुमार विश्वास केजरीवाल गुट व केजरीवाल विरोधी गुट के बीच सेतु का काम करते रहे हैं. प्रशांत व योगेंद्र के बाद वे एक मात्र नेता रहे हैं, जो इशारों में सही पार्टी की निर्णय प्रक्रिया व कामकाज करने के तरीके पर अंगुली उठाते रहे हैं. हाल में उन्होंने कहा था कि केजरीवाल भगवान विष्णु नहीं हैं, गलती सुधार लेंगे. उन्होंने लोकसभा चुनाव में खुद के क्षेत्र में केजरीवाल के नहीं आने की व्यथा भी कविता व शायदी में पिरो कर ट्विटर पर साझा किया था. ऐसे में विश्वास पर अब नेतृत्व कितना विश्वास करेगा, यह सवाल भविष्य के गर्भ में है.
पार्टी बिल्कुल ठीक चल रही है, आप चिंता न करें : अरविंद केजरीवाल
आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल आज पद्म सम्मान समारोह में शामिल होने राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे. वहां पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी बिल्कुल ठीक चल रही है और कोई दिक्कत नहीं है.
एडमिरल रामदास पर भी गिर चुकी है गाज
आम आदमी पार्टी ने योंगेंद्र यादव व प्रशांत भूषण के खिलाफ कार्रवाई करने के बाद पार्टी के आंतरिक लोकपाल एडमिरल रामदास को भी पद से हटा दिया. इसके पीछे दलील दी गयी कि वे 2013 तक के लिए ही इस पद के लिए नियुक्त किये गये थे और वे पार्टी के सदस्य नहीं हैं. यह स्थिति हो सकती है, लेकिन इस परिस्थिति में सवाल यह उठता है कि आखिर उन्हें सवा साल बाद क्यों पद से हटाने की अचानक जरूरत पडी? वह भी योगेंद्र व प्रशांत के खिलाफ कार्रवाई के ठीक अगले दिन बाद ही.
प्रशांत भूषण को अनुशासन समिति के प्रमुख पद से हटाया
आम आदमी पार्टी ने प्रशांत भूषण को अनुशासन समिति के अध्यक्ष पद से हटा दिया. अब नये सिरे से अनुशासन समिति का गठन कर दिया गया है. इसमें केजरीवाल के करीबी व भरोसेमंद लोग हैं.
बहरहाल, आम आदमी पार्टी की लडाई निर्णायक दौर में पहुंच चुकी है. इस लडाई की भेंट कुछ और लोग चढेंगे, जिसके बाद टीम केजरीवाल का पूरी तरह से कब्जा हो जायेगा. विरोध, गतिरोध के लिए पार्टी में शायद इसके बाद नहीं के बराबर या सीमित जगह बचेगी, जो लोकतंत्र की प्राणवायु होती है और जो आज भी कांग्रेस और भाजपा में बहुत हद तक है, भले ही उन पर व्यक्ति केंद्रित संगठन होने का कितना भी तोहमत क्यों नहीं लगाया जाये.
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