सिंगापुर : सिंगापुर के पहले प्रधानमंत्री ली क्वान यू का आज अंतिम संस्कार किया जा रहा है. उन्हें सिंगापुर का निर्माता और राष्ट्रपिता माना जाता है. उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंगापुर पहुंच गये हैं.अपने शोक संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां कहा कि मैं यहां भारत के लोगों की संवेदना प्रकट करने और प्रार्थना करने के लिए आया हूं. प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर ली मेरे लिए प्रेरणास्रोत थे और मैंने उनसे काफी कुछ सीखा है.
सिंगापुर के संस्थापक और प्रथम प्रधानमंत्री ली कुआन को वैश्विक चिंतक बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके योगदान की प्रशंसा की और कहा कि भारत अपनी आर्थिक प्रगति में उनके सहयोग और उनकी मित्रता को काफी महत्व देता है.ली की राजकीय अंत्येष्टि में शामिल होने आज सुबह यहां पहुंचे मोदी ने कहा कि सिंगापुर के पूर्व प्रधानमंत्री हमारे समय के नेताओं में शीर्षस्थ थे.
उल्लेखनीय है कि गंभीर न्यूमोनिया से पीड़ित 91 वर्षीय ली का 23 मार्च को निधन हो गया था.मोदी ने कहा कि सिंगापुर में पीढ़ीगत बदलाव का श्रेय ली के नेतृत्व को जाता है और उनके निधन से एक युग का अवसान हो गया. उन्होंने न केवल दक्षिण पूर्व एशिया को प्रेरित किया बल्कि पूरे एशिया को प्रभावित किया जो अपनी किस्मत में विश्वास करते थे. उन्होंने कहा, सिंगापुर की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर मुझे विश्वास है कि वह (ली) सिंगापुर की उपलब्धियों एवं उसके भविष्य को लेकर संतुष्ट रहे होंगे.
Singapore: State funeral of Singapore's first Prime Minister Lee Kuan Yew.(Pic source: Reuters) pic.twitter.com/Regut9TnFj
— ANI (@ANI) March 29, 2015
I bring here today the condolences & prayers of the people of India: PM Modi in Singapore (Pic source: MEA) pic.twitter.com/yECOx7txmU
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सिंगापुर के साथ संबंधों को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि दुनिया में यह हमारे सबसे मजबूत संबंधों में से एक हैं.प्रधानमंत्री ने कहा, भारत का दक्षिण पूर्व एशिया और इससे आगे सहयोग बढ़ रहा है. सिंगापुर का भारत की एक्ट इस्ट पॉलिसी में महत्वपूर्ण स्थान है. बहरहाल, सिंगापुर में मोदी ने आज सुबह वहां के वरिष्ठ मंत्री गोह चोक तोंग और उप प्रधानमंत्री थरमैन सामुगरत्नम से साथ बैठक की और सिंगापुर के नेताओं और लोगों के समक्ष शोक प्रकट किया.
मोदी ने कहा, मैं इस दुख की घड़ी में सिंगापुर आया हूं. उन्होंने कहा, ली वैश्चिक चिंतक थे जो अन्य लोगों से पहले चीजों का आकलन कर लेते थे. वह आर्थिक विकास के प्रवर्तक थे, साथ ही उन्होंने हमारे क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता के लिए अनथक प्रयास किया. प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे लिए उनकी मित्रता और भारत के आर्थिक विकास में सहयोग और वैश्विक भूमिका काफी मूल्यवान है. उन्होंने कहा कि ली को भारत की क्षमता में हममें से कई लोगों से अधिक भरोसा था. मोदी ने कहा कि ली की सोच सही साबित हो रही है और उनके बोये बीज का फल अब मिल रहा है.
गौरतलब है कि मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए भी सिंगापुर के दौरे पर आये थे.मोदी ने कहा, व्यक्तिगत रूप से वह मेरे लिए प्रेरणा के स्रोत थे. उनके विचार और उपलब्धियां मुझे भारत में बदलाव की संभावना के बारे में विश्वास दिलाते हैं. उन्होंने कहा, भारत के लोग सिंगापुर के संस्थापक और नेता के निधन पर इस राष्ट्रीय शोक में साझेदार है. भारत में भी ली के सम्मान में एक दिन का शोक रखा गया है और यह दोनों देशों के गहरे मैत्रीपूर्ण संबंधों को दर्शाते हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं यहां भारत के लोगों की ओर से श्रद्धांजलि व्यक्त करने और प्रार्थना करने आया हूं. मोदी के अलावा दुनिया के कई देशों के नेता ली की अंत्येष्टि में हिस्सा लेने आये हैं जिनमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क गुएन हाई, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबट, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो और मलेशिया के शाह अब्दुज हालिम शाह शामिल है.
ली का पार्थिव शरीर 23 मार्च को उनके निधन के बाद से संसद की मुख्य लॉबी में रखा हुआ है. राजकीय अंत्येष्टि का कार्यक्रम दोपहर साढे 12 बजे से शुरु होगा और 15.4 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए सिंगापुर के नेशनल यूनिवर्सिटी पहुंचेगा जहां दोपहर बाद दो बजे अंत्येष्टि होगी.
अंत्येष्टि से पूर्व ली की अंतिम यात्रा संसद भवन एवं अन्य महत्वपूर्ण स्थानों से होते हुए गुजरेगी और सशस्त्र बल उन्हें 21 तोपों की सलामी देंगे. साथ ही वायु सेना और गश्ती नौकाओं से भी सलामी दी जायेगी.