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रामदास लोकपाल और भूषण अनुशासन समिति से हटाए गए, प्रशांत-योगेंद्र की पार्टी से भी छुट्टी संभव

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय कार्यकारिणी से प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को बाहर किए जाने के बाद आज आम आदमी पार्टी (आप) ने भूषण को अनुशासन समिति से बाहर कर दिया तथा एडमिरल (सेवानिवृत्त) एल रामदास को आंतरिक लोकपाल के पद से हटा दिया. ऐसा माना जा रहा है कि प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को […]

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय कार्यकारिणी से प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को बाहर किए जाने के बाद आज आम आदमी पार्टी (आप) ने भूषण को अनुशासन समिति से बाहर कर दिया तथा एडमिरल (सेवानिवृत्त) एल रामदास को आंतरिक लोकपाल के पद से हटा दिया. ऐसा माना जा रहा है कि प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को सभी पदों से हटाया जा सकता है.

पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आपात बैठक में आप ने आंतरिक लोकपाल पैनल में बदलाव करते हुए तीन नए सदस्यों को शामिल किया तथा नई अनुशासन समिति का गठन किया.आप ने फैसला किया है कि अब भूषण के स्थान पर दिनेश वाघेला तीन सदस्यीय अनुशासन समिति की अध्यक्षता करेंगे. इसमें अरविंद केजरीवाल के वफादार माने जाने वाले आशीष खेतान और राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता शामिल हैं.नए लोकपाल पैनल में पार्टी पूर्व आईपीएस अधिकारी एन दिलीप कुमार, राकेश सिन्हा तथा शिक्षाविद् एस पी वर्मा को लायी है.

आप के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने कहा, इन सभी लोगों ने पार्टी के लोकपाल पैनल के लिए अपनी ओर से सहमति दे दी है. पूर्व नौसेना प्रमुख रामदास को लोकपाल के पद से हटाने का फैसला उस वक्त हुआ जब एक दिन पहले उन्हें गुप्ता की ओर से एसएमएस भेजकर आग्रह किया गया था कि वह राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शामिल नहीं हों ताकि टकरावह्ण को टाला जा सके.

इस कदम से नाराज रामदास ने पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) को पत्र लिखकर आप के नेतृत्व की आलोचना की. केजरीवाल रामदास की ओर से भेजे गए राजनीतिक संदेशों को लेकर परेशान रहे हैं और इस कारण भी उनको राष्ट्रीय परिषद की बैठक में नहीं आने के लिए कहा गया.

रामदास ने कहा था कि वह इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए महाराष्ट्र से दिल्ली आए थे, लेकिन उन्होंने कहा कि पार्टी के आग्रह को सम्मान देने के लिए वह बैठक में शामिल नहीं होंगे.भूषण और यादव को पीएसी एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर करने के बाद अब उनको पार्टी से निकालने की अटकलें लगाई जा रही हैं.

दोनों नेताओं ने कल उनको पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर किए जाने के फैसले को मजाक और गैरकानूनी बताया था. उन्होंने कहा कि वह कानूनी कदम भी उठा सकते हैं.भूषण और यादव ने यह भी संकेत दिया कि जरुरत पडने पर वह नई पार्टी का गठन कर सकते हैं. उनका दावा है कि उनको आप के कार्यकताओं के बडे तबके का समर्थन हासिल है.

आप में करीब दो महीनों से चल रही आंतरिक कलह के बाद शनिवार को राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मतदान के जरिए यादव और भूषण को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर किया गया। 311 सदस्यीय राष्ट्रीय परिषद में दोनों को बाहर किए जाने संबंधी प्रस्ताव के पक्ष में 247 और विपक्ष में आठ वोट पडे. इस बैठक में बवाल और मारपीट तक के आरोप एवं प्रत्यारोप लगाए गए.

पार्टी ने आज केजरीवाल के उस संबोधन का वीडियो जारी किया जो उन्होंने कल राष्ट्रीय परिषद में दिया था. इस वीडियो को यूट्यूब और आप के आधिकारिक ट्विटर हैंडलर पर पोस्ट किया गया है.

केजरीवाल ने भावुक संबोधन में कहा, जब पूरी दिल्ली हमारे साथ खडी थी तो हमारे कुछ मित्रों ने धोखा किया. मैं भारी मन से यह बात कह रहा हूं कि जब पूरी दिल्ली हमारे साथ थी तो कुछ मित्रों ने पीठ में छुरा घोंपा. उन्होंने कहा, दिल्ली में हमारी हार सुनिश्चित करने के लिए साजिशें रची गईं.अवाम का गठन किया गया और इसका सहयोग किया गया. उस वक्त मीडिया में यह आया कि अवाम के सदस्य भाजपा के पूर्व सदस्य हैं और भाजपा उनको वित्तीय मदद दे रही है.

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