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जेल में कैदी बनायेंगे ब्रेड व जूते

– केंद्रीय कारा में तीन नये लघु उद्योग लगाने की योजना- उत्पादों की होगी स्थानीय बाजार, मंडल कारा, उपकारा में सप्लाई- सभी उद्योग में जेल के सजायाप्ता बंदी कार्य करेंगेकुमार दीपू, मुजफ्फरपुरशहर के लोगों को अब कैदियों के हाथ से बने स्वाद सादा व मीठा ब्रेड खाने को मिलेंगे. जेल में बनने वाला यह ब्रेड […]

– केंद्रीय कारा में तीन नये लघु उद्योग लगाने की योजना- उत्पादों की होगी स्थानीय बाजार, मंडल कारा, उपकारा में सप्लाई- सभी उद्योग में जेल के सजायाप्ता बंदी कार्य करेंगेकुमार दीपू, मुजफ्फरपुरशहर के लोगों को अब कैदियों के हाथ से बने स्वाद सादा व मीठा ब्रेड खाने को मिलेंगे. जेल में बनने वाला यह ब्रेड बाजार में उपलब्ध ब्रेड से सस्ता होगा. इसके अलावा जेल में बने लेदर के जूते व स्टाइलिस्ट बेल्ट भी लोगों को सस्ते दाम पर उपलब्ध होगा. शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में तीन नये लघु उद्योग लगाये जा रहे हैं. इन उद्योगों से उत्पादित वस्तुओं की बिक्री मंडल कारा, उपकारा व स्थानीय बाजार में की जायेगी. जेल में उद्योग लगने से कैदियों को रोजगार भी मिलेगा. केंद्रीय जेल अधीक्षक ई जितेंद्र कुमार ने बताया कि उद्योग लगाने में जो लागत आयेगी, उसकी योजना तैयार कर मुख्यालय को भेज दी गयी है. मुख्यालय से अनुमति मिलने के बाद उद्योग लगाने का काम शुरू किया जायेगा. हजारों बंदियों को मिलेगा रोजगारसेंट्रल जेल में लगने वाले तीन उद्योगों में जेल के सजायाप्ता बंदी काम करेंगे. इस उद्योग में काम करने वाले बंदी को 87 रुपये से लेकर 120 रुपये तक मजदूरी मिलेगी. जेल में बेकरी उद्योग 12 लाख की लागत से लगेगा. इसमें साल भर में 2520 बंदी काम करेंगे. चमड़ा उद्योग 20 लाख की लगात से लगेगा. इसमें दो हजार बंदी साल भर में काम करेंगे. इसके अलावा 16 लाख की लागत से प्रिंटिंग प्रेस भी लगायी जायेगी. इसमें सात हजार बंदी साल भर में काम करेंगे. केंद्रीय जेल अधीक्षक ई जितेंद्र कुमार ने बताया कि प्रिंटिंग प्रेस में बने कागज सरकारी कार्यालय में भेजे जायेंगे.

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