नयी दिल्लीः आम आदमी पार्टी के नेता और संयोजक अरविंद केजरीवाल के घर हुईराजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी)की बैठक में योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया. पार्टी की कार्यकारिणी में हुई बैठक में दोनों नेताओं का इस्तीफा मंजूर किया गया है. पार्टी नेता आशीष खेतान का कहना है कि दोनों नेताओं ने 17 मार्च को इस्तीफा दिया था. लेकिन पार्टी कार्यकारिणी ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया था. हालांकि इसमें अंतिम मुहर 28 मार्च को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लगेगी. उसमें यह भी तय हो जाएगा की दोनों असंतुष्ट नेता पार्टी में रहेंगे या नहीं.
पीएसी की बैठक केजरीवाल के आवास पर आज शाम हुई और पार्टी में आंतरिक उठापठक को लेकर चर्चा की गई. सूत्रों का कहना है कि केजरीवाल के करीबियों ने यादव और भूषण को लेकर किसी तरह की रियायत बरतने का विरोध किया.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी कहा कि योगेंद्र और भूषण केजरीवाल को हटाने पर अड़े हैं. मैं इसके खिलाफ हूं लेकिन अब राष्ट्रीय कार्यकारिणी को फैसला करने दें.
इधर अंसतुष्ट नेताओं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल धडा राष्ट्रीय कार्यकारिणी से उनसे इस्तीफा दिलाने का प्रयास कर रहा है और उनकी किसी चिंता का निवारण नहीं कर किया जा रहा है.आप की राष्ट्रीय परिषद की बैठक से दो दिनों पहले केजरीवाल को लिखे खुले पत्र में भूषण और यादव ने कहा कि सुलह की बातचीत के दौरान उन्हें बताया गया कि या तो वे सम्मानजनक ढंग से इस्तीफा दे दें या फिर उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटा दिया जाएगा.
गौरतलब है कि पीएसी ने निकाले जाने के बाद प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने पार्टी को एक चिट्ठी लिखकर पांच शर्तें रखी थीं कि अगर ये शर्तें मान ली जाती हैं तो वो पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे देंगे.
क्या थी पांचों शर्तें ?
1. पार्टी को आरटीआई के दायरे में लाया जाए
2.विधानसभा चुनाव के दौरान सामने आए चंदे के फर्जी चेक के मामले की जांच हो.
3. एक उम्मीदवार के घर शराब पकड़े जाने के मामले की जांच हो. 4. सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के अंदर तोड़फोड़ की कोशिश की जांच हो
5. दिल्ली सरकार के कानून मंत्री की फर्जी डिग्री के मामले की जांच हो.