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एनसीटीइ ने लिया फैसला: सत्र 2015-16 से पूरे देश में होगा लागू नियम, डिस्टेंस से बीएड को डीएड जरूरी

मुजफ्फरपुर: विवि दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में बीएड कोर्स में नामांकन की प्रक्रिया थोड़ी जटिल होगी. अब नामांकन के लिए अभ्यर्थी के पास दो वर्षीय डीएड (डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन) की डिग्री जरू री होगी. यह डिग्री रेगुलर मोड की होनी चाहिए. एनसीटीइ (नेशनल कौंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) के निर्देश पर निदेशालय इस शर्त को सत्र […]

मुजफ्फरपुर: विवि दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में बीएड कोर्स में नामांकन की प्रक्रिया थोड़ी जटिल होगी. अब नामांकन के लिए अभ्यर्थी के पास दो वर्षीय डीएड (डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन) की डिग्री जरू री होगी. यह डिग्री रेगुलर मोड की होनी चाहिए. एनसीटीइ (नेशनल कौंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) के निर्देश पर निदेशालय इस शर्त को सत्र 2015-16 से ही लागू करने की योजना बना रही है. अभी तक निदेशालय के बीएड कोर्स में नामांकन के लिए अभ्यर्थी के स्नातक के साथ-साथ किसी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान में दो वर्ष के अध्यापन का अनुभव जरू री था. अनुभव की शर्त पूर्व की तरह लागू रहेगी.
एनसीटीइ का मानना है कि डिस्टेंस मोड के बीएड कोर्स में नामांकन के लिए अभ्यर्थी जो अध्यापन का अनुभव प्रमाण पत्र देते हैं, उसमें से अधिकांश जाली होते हैं. इसकी शिकायत परिषद को लगातार मिलती रही है. खुद एनसीटीइ के चेयरमैन प्रो संतोष पांडा ने इसका खुलासा 22 व 23 मार्च को गुवाहाटी (असम) में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में की थी. इसमें पूरे देश से डिस्टेंस मोड में बीएड कराने वाले विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. बीआरए बिहार विवि दूरस्थ शिक्षा निदेशालय का प्रतिनिधित्व प्रशासनिक अधिकारी ललन कुमार ने की.
16 में से एक टीचर होंगे योग के. एनसीटीइ के निर्देशानुसार बीएड कोर्स के संचालन के लिए किसी शिक्षण संस्थान में न्यूनतम सोलह शिक्षक होने अनिवार्य होंगे. इसमें से एक शिक्षक योग का होगा. फिलहाल देश में योग शिक्षकों की कमी को देखते हुए योग में डिप्लोमाधारी अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्त करने में छूट दी गयी है. यही नहीं डिस्टेंस में चल रहे कोर्स के सिलेबस पर भी एनसीटीइ ने सवाल उठाये हैं. इसमें सुधार के लिए फैसला लिया गया है कि अब डिस्टेंस में चलने वाले तमाम कोर्स मटेरियल को डेक (डिस्टेंस एजुकेशन कौंसिल) की मंजूरी जरू री होगी. एनसीटीइ समय-समय पर शिक्षण संस्थानों का निरीक्षण करेगी. निरीक्षण के दौरान न्यूनतम अहर्ता नहीं पाये जाने पर संस्थान की मान्यता खत्म की जा सकती है.
डीएड कोर्स के लिए पहल जारी. फिलहाल दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में डीएड कोर्स की सुविधा उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसके लिए पहल जारी है. डिस्टेंस के एडवाइजरी बोर्ड, एकेडमिक कौंसिल, सिंडिकेट व सीनेट में इसे मंजूरी मिल चुकी है. जल्द ही इसका प्रस्ताव राजभवन को भेजा जायेगा. वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे सत्र 2015-16 से ही चालू करने की योजना है. डीएड कोर्स के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट होगी. यह दो वर्ष का कोर्स होगा.
एनसीटीइ ने अब डिस्टेंस मोड से बीएड करने के लिए डीएड (रेगुलर मोड) की डिग्री को अनिवार्य कर दिया है. इसे पूरे देश में सत्र 2015-16 से लागू करने का फैसला लिया गया है. कुलपति के वापस लौटने पर उनसे विचार-विमर्श के बाद इसे लागू कर दिया जायेगा. निदेशालय में डीएड कोर्स शुरू करने के लिए भी पहल जारी है.
ललन कुमार, प्रशासनिक अधिकारी, दूरस्थ शिक्षा निदेशालय

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