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तमिलनाडु के 2015-16 के लोक-लुभावन बजट में किसी नये कर का प्रावधान नहीं

चेन्नई : अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने वित्त वर्ष 2015-16 के बजट में मछुआरा समुदाय और विनिर्माण क्षेत्र के लिए कई रियायतों की पेशकश की है और 4,616 करोड रुपये के घाटे वाले बजट में किसी नये कर का प्रावधान नहीं किया है. […]

चेन्नई : अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने वित्त वर्ष 2015-16 के बजट में मछुआरा समुदाय और विनिर्माण क्षेत्र के लिए कई रियायतों की पेशकश की है और 4,616 करोड रुपये के घाटे वाले बजट में किसी नये कर का प्रावधान नहीं किया है.

पनीरसेल्वम केपास वित्त विभाग भी है. बजट में मछली पकडने वाली रस्सी एवं डोंगी, जाल आदि को वैट से छूट प्रदान की है जो विशाल मछुआरा समुदाय को खुश करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. इसके अलावा सरकार ने मोबाइल फोन पर वैट 14.5 प्रतिशत घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है.

बजट पेश करते हुए पनीरसेल्वम ने कहा कि राज्य को अपनी क्षमता पर अपेक्षाकृत अधिक निर्भर करना है क्योंकि राज्य के अपने स्रोतों के कर राजस्व (एसओटीआर) में धीमी वृद्धि के अलावा केंद्रीय सहायता भी कम होने का अंदेशा है. उन्होंने कहा ‘वित्तीय बोझ बढने और एसओटीआर में धीमी वृद्धि के बावजूद हमारी सरकार ने कोई नया कर नहीं लगाने की घोषणा की है.’ सदन में द्रमुक के नेता एम के स्टालिन को विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल द्वारा कुछ मुद्दे उठाने की मंजूरी नहीं देने पर विपक्षी दल द्रमुक ने सदन के कार्यवाही का बहिष्कार किया.

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