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एक करोड़ 67 लाख रुपये बकाया

मनरेगा. तीन हजार मजदूरों को छह माह से नहीं मिली मजदूरी अगले माह से मजदूरों व कर्मचारियों के खाते में रुपये जाने की संभावना मोहनिया (सदर) : 18 पंचायतों में मनरेगा में काम करने वाले लगभग तीन हजार मजदूरों को पिछले छह माह से एक करोड़ 67 लाख रुपये की मजदूरी केंद्र व राज्य सरकारों […]

मनरेगा. तीन हजार मजदूरों को छह माह से नहीं मिली मजदूरी
अगले माह से मजदूरों व कर्मचारियों के खाते में रुपये जाने की संभावना
मोहनिया (सदर) : 18 पंचायतों में मनरेगा में काम करने वाले लगभग तीन हजार मजदूरों को पिछले छह माह से एक करोड़ 67 लाख रुपये की मजदूरी केंद्र व राज्य सरकारों की पेंच में फंसी है. 2014के अक्तूबर माह से चालू वर्ष के मार्च महीने भी खत्म होने के कगार पर हैं, लेकिन मजदूरी के रुपये उपलब्ध नहीं कराये गये.
नियम बनाने वाले ही कर रहे अनदेखी
यदि मनरेगा के नियमावली को देखें तो उसमें स्पष्ट प्रावधान है कि मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों को 15 दिनों के अंदर मजदूरी का भुगतान किया जाना अनिवार्य है. लेकिन, यहां 15 दिन तो क्या छह माह बीत जाने के बाद भी इन गरीब मजदूरों को मजदूरी नसीब नहीं हो सकी है. इसका परिणाम यह है कि ये मजदूर आज भुखमरी के कगार पर पहुंच गये हैं व दूसरे राज्यों की पलायन करने को विवश हैं.
बीत गये पर्व, पर नसीब नहीं हुई मजदूरी
इन छह माह के दौरान दशहरा, दीपावली, छठ व होली बीत ही गये, राम नवमी बीतने जा रही है. लेकिन, मजदूरों को एक भी रुपये नहीं मिले हैं. इससे मजदूरों में रोष है.
मनरेगा के कर्मचारी भी इस समस्या से अछूते नहीं
मनरेगा के मजदूरों के साथ ही मनरेगा के कर्मचारियों को भी पिछले छह माह से वेतन नहीं मिलने से आर्थिक तंगी का दंश ङोलना पड़ रहा है. मोहनिया प्रखंड में मनरेगा विभाग में कार्यरत मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी से लेकर पंचायत रोजगार सेवक तक 19 कर्मचारियों को वेतन नसीब नहीं हो सका है. इससे उनके दैनिक काम-काज पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. बच्चों की शिक्षा से लेकर इलाज व घर गृहस्थी तक के सभी काम-काज बाधित हो रहा है.
मनरेगा में केंद्र व राज्य की भागीदारी
मनरेगा एक केंद्र प्रायोजित योजना है. इसके तहत मनरेगा में होने वाले कार्यो, इससे जुड़े लोगों को मजदूरी व वेतन के रूप में दी जाने वाली राशि का 90 प्रतिशत केंद्र सरकार को व 10 प्रतिशत राज्य सरकार को खर्च करना होता है.

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