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अगर पाकिस्तान शांति और सौहार्द चाहता है तो आतंकवाद पर नियंत्रण रखे : मुफ्ती

जम्मू : कठुआ और सांबा में हुए आतंकी हमलों को शांति की प्रक्रिया को पटरी से उतारने का षड्यंत्र करार देते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती सईद ने आज कहा कि अगर पाकिस्तान शांति और सौहार्द चाहता है तो उसे आतंकवाद पर नियंत्रण रखना चाहिए. आतंकी हमलों की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य […]

जम्मू : कठुआ और सांबा में हुए आतंकी हमलों को शांति की प्रक्रिया को पटरी से उतारने का षड्यंत्र करार देते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती सईद ने आज कहा कि अगर पाकिस्तान शांति और सौहार्द चाहता है तो उसे आतंकवाद पर नियंत्रण रखना चाहिए. आतंकी हमलों की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य की जनता का संकल्प दृढ है और कुछ आतंकी हमले उन्‍हें डराकर रोक नहीं कर सकते.

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष द्वारा प्रश्नकाल को स्थगित करने की मांग के साथ हंगामा किए जाने के बाद मुफ्ती ने सदन से कहा, यदि वह (पाकिस्तान) शांति, सौहार्द चाहता है तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, वहां के प्रतिष्ठानों को उन्हें (आतंकवाद को) नियंत्रित करना चाहिए. जम्मू-कश्मीर में जल्द शांति की वापसी की उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर के लोगों ने एक जनादेश दिया है. मेरा सुझाव यह है कि ऐसे हमलों की निंदा के लिए एक प्रस्ताव लाया जाए.

मुफ्ती ने कहा, वर्ष 2003 के बाद राज्य में शांति देखी गई थी. वैसी ही शांति जम्मू-कश्मीर में लौटेगी. वही शांति बहाल होगी और जो ताकतें ऐसे हमले कर रही हैं, उन्हें इस सदन से एक पैगाम भेजा जाना चाहिए. पाकिस्तान खुद भी पीडित है और उनके प्रधानमंत्री कहते हैं कि वह इसे नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं कर सकते.

मुफ्ती ने कहा, आतंकवाद से लड़ने के लिए, इसे नियंत्रित करने के लिए हमारे पास दृढ इच्छाशक्ति और एक दृढ संकल्प है. यदि वे शांति चाहते हैं तो उन्हें उनको नियंत्रित करना होगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के कार्यकाल के दौरान सीमा और नियंत्रण रेखा के दोनों ओर शांति कायम रही.

मुख्यमंत्री ने सीमा पार के आतंकियों को राज्येतर तत्व करार देते हुए पूछा, कराची के गिरजाघरों पर हमले करने वाले कौन लोग हैं? पेशावर में हमले किसने किए? लखवी कौन है? मुफ्ती ने कठुआ स्थित पुलिस चौकी पर हुए हमले के लिए शुक्रवार को राज्येतर तत्वों को जिम्मेदार ठहराया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 48 घंटों में जो आतंकी हमले कठुआ और सांबा में हुए, उनमें कुछ भी नया नहीं है क्योंकि ऐसे हमले लंबे समय से होते आए हैं.मुफ्ती ने यह भी कहा कि पाकिस्तान खुद भी चरमपंथ से पीडित है.

उन्होंने कहा, आतंकियों को इस्लाम नहीं पढाया जाता. मैं नहीं जानता कि उन्हें ऐसा क्या पढाया जाता है कि वे जाकर लोगों की हत्या कर देते हैं. जब मैंने पहली बार मुख्यमंत्री के रुप में पदभार संभाला था, तब उन्होंने जम्मू के रघुनाथ मंदिर पर हमला किया था. उन्होंने कहा कि पिछले दो से तीन वर्षों में ऐसे हमले होते आए हैं. यहां तक कि सीमा पर सिर भी काटे गए हैं.

कांग्रेस के विधायक दल के नेता नवांग रिग्जिन जोरा ने मुख्यमंत्री से इस बात पर स्पष्टीकरण देने की मांग की कि आखिर आतंकियों को राज्येतर तत्व क्यों कहा जाए? जोरा ने मुफ्ती से पूछा, आप आतंकियों को राज्येतर तत्व क्यों कहते हैं? मुफ्ती ने जवाब दिया, जो गिरजाघरों पर हमले करते हैं, जिन्होंने पेशावर पर हमला किया, लखवी….ये सब कौन हैं? मुफ्ती ने कहा कि इन हमलों को देखते हुए सदन को एकजुट होना चाहिए और इस तरह के हमलों की निंदा करने वाले प्रस्ताव को एकमत से पारित करना चाहिए.

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