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आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामला

दुमका : दुमका के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी डीएन मिश्र की अदालत ने शनिवार को आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के तीन अलग-अलग मामलों में नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. वहीं आदर्श चुनाव आचार संहिता के अलग-अलग मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने […]

दुमका : दुमका के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी डीएन मिश्र की अदालत ने शनिवार को आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के तीन अलग-अलग मामलों में नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया.
वहीं आदर्श चुनाव आचार संहिता के अलग-अलग मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने दोनों पक्षों की ओर से बहस सुनने के बाद समाज कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी और महेशपुर से झामुमो विधायक प्रो स्टीफन मरांडी को भी संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. सरकार की ओर से सहायक लोक अभियोजक और बचाव पक्ष में विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन की ओर से न्यायालय में अधिवक्ता विजय कुमार सिंह व धर्मेद्र कुमार, मंत्री डॉ लुईस मरांडी की ओर से अधिवक्ता मनोज कुमार साह और प्रो स्टीफन मरांडी की ओर से विवेक नंदन प्रसाद ने मुकदमें की पैरवी की.
तीनों सशरीर हुए उपस्थित
तीनों आज मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी न्यायालय में सशरीर उपस्थित हुए थे. प्राप्त जानकारी के अनुसार, दुमका नगर पर्षद के पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी रामेश्वर दास की शिकायत पर दुमका नगर थाना कांड संख्या 248/09 (जीआर केस 1506/09) में झामुमो प्रत्याशी हेमंत सोरेन के खिलाफ 5 दिसंबर 2009 को धारा 123(2), 127(ए)आरपी एक्ट 3 पीपी के तहत बड़ा बांध स्थित राजेंद्र आश्रम में झामुमो का पोस्टर सटा पाये जाने को लेकर मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में संदेश का लाभ देते हुए न्यायालय द्वारा विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन को रिहा करने का फैसला सुनाया गया.
वहीं दुमका के पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी रामेश्वर दास की शिकायत पर दुमका नगर थाना में कांड़ संख्या 244/09 (जीआर केस 1492/09) धारा 123(2)127(ए) आरपी एक्ट के तहत आदर्श आचार संहिता उल्लंघन को लेकर तब झामुमो प्रत्याशी रहे हेमंत सोरेन, कांग्रेस प्रत्याशी रहे प्रो स्टीफन मरांडी और भाजपा प्रत्याशी डॉ लुईस मरांडी के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था. जिसमें अभियोजन और बचाव पक्ष की ओर से बहस सुनने के बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा संदेश का लाभ देते हुए तीनों को बरी करने का फैसला सुनाया गया.
वहीं ओसीआर केस नंबर 75/05 सूचक अवर निरीक्षक मोतीलाल टुडू की शिकायत पर 22 फरवरी 2005 को झामुमो प्रत्याशी हेमंत सोरेन के खिलाफ बिना अनुमति के वाहन का उपयोग करने और जैकेट, टोपी बांटने के आरोप के साथ मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में भी श्री सोरेन रिहा हो गये. न्यायालय के फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि न्याय के मंदिर पर उन्हें पूरा भरोसा है.
वे न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं. समाज कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए खुशी जाहिर की. दुमका के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत द्वारा एक अन्य मामले दुमका मुफस्सिल थाना कांड संख्या-142/09 (जीआर संख्या 1510/09) मामले में अगली तिथि को सुनवाई की जायेगी. दुमका मुफस्सिल थाना में कांग्रेस कार्यकर्ता संजय उपाध्याय की शिकायत पर 8 दिसंबर 2009 को दर्ज इस मामले में झामुमो प्रत्याशी हेमंत सोरेन भी आरोपित हैं. इस मामले में न्यायालय में श्री सोरेन का 313 के तहत बयान दर्ज करने की कार्रवाई की गयी.

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