नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल की वयोवृद्ध नन के साथ सामूहिक बलात्कार मामले का शुक्रवार को स्वत: ही संज्ञान लेने से गुरेज किया, लेकिन इस मामले की सुनवाई के लिए एक महिला वकील को याचिका दायर करने की छूट प्रदान कर दी. प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षतावाली खंडपीठ के समक्ष अधिवक्ता लिली थॉमस ने मौखिक रूप से इस मामले का उल्लेख करते हुए शीर्ष अदालत से स्वत: ही इसका संज्ञान लेने का अनुरोध किया. इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा : आप याचिका दायर कीजिये और हम इसे देखेंगे. न्यायालय ने कहा कि याचिका दायर होने के बाद ही इस मामले को विचार के लिए लिया जायेगा. थॉमस ने कहा कि शीर्ष अदालत की इच्छा के अनुरूप वह याचिका दायर करेंगीं. पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के एक कान्वेन्ट में 14 मार्च को तड़के एक वयोवृद्ध नन से सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी. इस मामले मे छह दिन बीत जाने के बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, हालांकि इस घटना के सिलसिले मे 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है. इस घटना में न्याय की मांग के जोर पकड़ने पर पश्चिम बंगाल सरकार ने 18 मार्च को इस मामले को सीबीआइ को सौंपने का फैसला किया था.
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नन गैंगरेप कांड : न्यायालय याचिका दायर होने के बाद ही करेगा सुनवाई
नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल की वयोवृद्ध नन के साथ सामूहिक बलात्कार मामले का शुक्रवार को स्वत: ही संज्ञान लेने से गुरेज किया, लेकिन इस मामले की सुनवाई के लिए एक महिला वकील को याचिका दायर करने की छूट प्रदान कर दी. प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षतावाली खंडपीठ के समक्ष अधिवक्ता लिली […]
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