नयी दिल्ली : कोयला खानों की नीलामी में कुछ खानों के लिये लगायी गयी बोली की फिर से जांच किये जाने को अनुचित ठहराते हुये उद्योग संगठन एसोचैम ने कहा है कि सरकार को सफल बोली को अधिसूचित करने की प्रक्रिया तेज करनी चाहिये. रिपोर्टों के अनुसार सरकार नौ कोयला ब्लॉक बोलियों की समीक्षा कर रही है.
इन कोयला ब्लॉकों के लिये जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड और बाल्को सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनियों के रूप में सामने आईं हैं. हालांकि, इस तरह की चर्चा के बीच कि इन खानों के लिये बोली लगाये जाने के दौरान कंपनियों के बीच साठगांठ हुई है, बोली प्रक्रिया की समीक्षा की जा रही है, जिसका अंतिम निर्णय अभी आना बाकी है.
एसोचैम के यहां जारी वक्तव्य में कहा गया है, ‘एसोचैम सरकार से आग्रह करता है कि इन कोयला ब्लॉक के लिये सफल बोली को जल्द अधिसूचित किया जाना चाहिये और उनके साथ कोयला खनन विकास एवं उत्पादन समझौता कर उन्हें इसके अधिकार दिये जायें ताकि कोयला अध्यादेश के उद्देश्य – कोयला खनन परिचालन की निरंतरता और प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल को हासिल किया जा सके.’
कोयला और बिजली मंत्री पीयूष गोयल को भेजे एक संदेश में एसोचैम ने कहा, ‘उद्योग जगत के जिन सदस्यों ने कोयला ब्लॉक नीलामी में उचित तरीके से बोली प्रतिस्पर्धा में भाग लिया है उनके साथ उचित व्यवहार किया जाना चाहिये.’ एसोचैम महासचिव डी.एस. रावत ने कहा कि अनपेक्षित ढंग से ऊंची बोलियों को देखते हुये कुछ बोलियों की फिर से जांच के फैसले पर नये सिरे से गौर किया जाना चाहिये.
अब तक कुल 33 कोयला ब्लॉक की नीलामी की गई है. पहले दौर में 19 और दूसरे में 14 कोयला ब्लॉक की नीलामी की गई.
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