जम्मू : जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में सेना की वर्दी पहने आतंकवादियों के एक ‘फिदायीन’ दल ने आज तडके एक पुलिस थाने पर हमला कर दिया, जिसमें तीन सुरक्षाकर्मियों समेत चार लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य लोग घायल हो गए. सुरक्षा बलों ने दोपहर तक चली मुठभेड में दो आतंकवादियों को मार गिराया. यह एक मार्च को राज्य में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के गठन के बाद से राज्य में पहला बडा आतंकवादी हमला है. संसद में बयान देते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस फिदाइन हमले में राजबाग थाने के गेट पर तैनात एक संतरी व एक नागरिक की मौत हुई है जबकि सुरक्षाबलों ने दो फिदाइन आतंकियों को मार गिराया.
उन्होंने इसके लिए स्थानीय सुरक्षाबलों और पुलिस की तारीफ की. यह पुलिस थाना एनएच-1 पर है जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किमी पूर्व व कठुआ शहर से 16 किमी उत्तर में है. उन्होंने कहा कि यह हूला सुबह 6:20 बजे हुआ और ऑपरेशन अभी थोड़ी देर पहले खत्म हुआ.
गृहमंत्री ने सुरक्षाबलों की प्रशंसा करते हुए शहीद हुए जवान और नागरिक के लिए संवेदना प्रकट की. इसके पहले सदन में विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे ने इस हमले पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि वहां के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बात नहीं सुन रहे हैं.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ‘फिदायीन’ दल के दो से तीन आतंकवादियों का एक समूह तडके राजबाग पुलिस थाने में घुस गया और उसने अंधाधुंध गोलीबारी शुरु कर दी. जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक दानिश राणा ने कहा, ‘‘ यह एक फिदायीन हमला है.’’पुलिस ने बताया कि हमले में छह लोग मारे गए हैं जिनमें दो आतंकवादी, सीआरपीएफ के दो जवान, एक पुलिसकर्मी और एक नागरिक शामिल है. इस हमले में 10 अन्य लोग घायल हुए हैं.
सीआरपीएफ के घायल कांस्टेबल भरत प्रभु ने बताया कि सेना की वर्दी पहने आतंकवादियों ने जम्मू से पठानकोठ जा रही एक जीप को तलाशी लेने के बहाने रोक लिया. इसके बाद आतंकवादियों ने जीप का अपहरण कर लिया जिसमें तीन यात्री सवार थे. वे जीप से राजबाग पुलिस थाने पहुंचे और उन्होंने एक पुलिसकर्मी पर गोलियां चला दीं जिससे वह शहीद हो गया.
इसके बाद आतंकवादियों ने पुलिस थाने पर ग्रेनेड फेंके और अंधाधुंध गोलीबारी की. अतिरिक्त सुरक्षाबलों को घटनास्थल पर भेजा गया है और जम्मू-पठानकोट राजमार्ग को ऐहतियातन बंद कर दिया गया है. पुलिस थाने के आसपास पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक से बात की और स्थिति की जानकारी ली. सिंह ने गृह सचिव को स्थिति पर नजदीक से नजर रखने का निर्देश दिया है. कठुआ और सांबा जिलों में 2013 और 2014 में पुलिस थानों और सैन्य शिविरों पर इसी प्रकार के आतंकवादी हमले हुए थे.
एक प्रत्यक्षदर्शी ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि वे तीन लोग जम्मू से आ रहे थे तभी दो लोगों ने उनकी गाड़ी को रुकवाया. वे सेना की वर्दी में थे. उन्होंने उन्हें आगे ले जाने को कहा जब वे थाने के पास पहुंचे तो गाडी से उतर गये और थाने का गेट खोलने को संतरी से कहा. जब उसने पूछताछ की तो आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी. गाड़ी पर सवार लोगों पर भी उन्होंने फायरिंग की लेकिन वे बचकर निकल गये.
These Fidayeen will have walked across the border last night & launched their attack this morning which is the past pattern as well.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) March 20, 2015
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि ये आतंकी सीमा पार से रात को ही हमारे क्षेत्र में आये होंगे और उन्होंने सुबह होते ही थाने को अपना निशाना बनाया. इस संबंध में गृह सचिव ने जम्मू के डीजीपी से बात की.