22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आजम के खिलाफ ‘आपत्तिजनक’ सामग्री के आधार पर गिरफ्तारी मामले में शीर्ष कोर्ट कल करेगा सुनवाई

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय उस याचिका पर कल सुनवाई करने के लिये आज तैयार हो गया जिसमें 12वीं कक्षा के एक छात्रा को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां के खिलाफ फेसबुक पर कथित ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी पोस्ट करने पर गिरफ्तार करने की परिस्थितियों पर उत्तर प्रदेश पुलिस से स्पष्टीकरण मांगने का अनुरोध किया गया […]

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय उस याचिका पर कल सुनवाई करने के लिये आज तैयार हो गया जिसमें 12वीं कक्षा के एक छात्रा को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां के खिलाफ फेसबुक पर कथित ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी पोस्ट करने पर गिरफ्तार करने की परिस्थितियों पर उत्तर प्रदेश पुलिस से स्पष्टीकरण मांगने का अनुरोध किया गया है.

न्यायमूर्ति ए आर दवे, न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ की खंडपीठ के समक्ष इस मामले में दायर अर्जी का उल्लेख किया गया. न्यायाधीशों ने कहा कि इस अर्जी को कल सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किया जायेगा.वकील मनाली सिंघल द्वारा इस गिरफ्तारी का मौखिक उल्लेख किये जाने तक यह खबर आ गयी थी कि 19 वर्षीय युवक को जमानत मिल गयी है और वह औपचारिकतायें पूरी करने के बाद शीघ्र ही जेल से बाहर आ जायेगा.एक स्थानीय अदालत ने उसे कल 14 दिन के लिये न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.

न्यायालय ने जब यह कहा कि युवक को जमानत मिल चुकी है तो सिंघल ने कहा कि इस मामले पर सुनवाई की आवश्यकता है क्योंकि इसमें उप्र पुलिस के स्पष्टीकरण की जरुरत है कि यह युवक कैसे सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 66-ए के तहत कथित अपराध के लिये चार दिन तक जेल में रहा. उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी कानून की इस धारा की वैधानिकता को पहले ही चुनौती दी जा चुकी है और इस पर न्यायालय ने 26 फरवरी को सुनवाई पूरी कर ली है.

बरेली के युवक की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुये दिल्ली निवासी कानून की छात्रा श्रेया सिंघल ने अर्जी दायर की है. श्रेया ने ही सबसे पहले धारा 66-ए की वैधानिकता को चुनौती देते हुये शीर्ष अदालत में जनहित याचिका दायर की थी.श्रेया ने सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 66-ए में संशोधन करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है.न्यायालय ने ऐसे मामलों में व्यक्तियों की गिरफ्तारी पर प्रतिबंध लगाने का अंतरिम आदेश देने से इंकार कर दिया था.

श्रेया की मौजूदा अर्जी के अनुसार उसे मीडिया की खबरों से ही इस युवक को धारा 66-ए और भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए (विभिन्न वर्गो, धर्मो और वर्ण आदि के बीच कटुता पैदा करने), धारा 504 (जानबूझकर अपमानित करने और शांति भंग का प्रयास करने) और धारा 505 (सार्वजनिक रुप से शरारत करने) के तहत गिरफ्तार किये जाने के बारे में पता चला है.उसने कहा कि मीडिया की खबरों के अनुसार लडके के माता पिता ने स्पष्ट किया है कि उसने तो सिर्फ पोस्ट साझा की थी और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड नहीं किया था.

हालांकि रामपुर की पुलिस अधीक्षक साधना गोस्वामी ने कहा कि इस लडके ने तस्वीर पोस्ट करना कबूल किया है जिसमें एक बयान आजम खां के हवाले से बताया गया था. इसमें यह भी कहा गया है कि लडके ने यह भी स्वीकार किया है कि वह पोस्ट की जा रही सामग्री को वास्तव में समझ ही नहीं पाया था.इससे पहले, दिन में रामपुर जिले के न्यायिक मजिस्ट्रेट आजाद सिंह ने युवक को बीस बीस हजार रुपये के दो मुचलके पेश करने पर जमानत दे दी थी और उसे जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था.

बरेली के एक स्कूल के इस छात्रा को स्थानीय अदालत ने कल जेल भेज दिया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें