हालांकि कंपनी की ओर से न्यू बॉर्न केयर यूनिट के भवन निर्माण का कार्य पूरा करा कर इसमें जेनेरेटर, एसी आदि लगा दिया गया है और फिलहाल विद्युत वायरिंग का कार्य चल रहा है. इसमें एक लाख चालीस हजार रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से छह यूनिट रेडीयेंट वार्मर, फोटोथेरेपी मशीन, ऑक्सीजन कंसनट्रेटर व ग्लूकोमीटर की स्थापना होनी है और 70 हजार रुपया की लागत से एक बिलरुबिनोमीटर भी लगाया जायेगा.
कर्मियों की मानें तो इस केयर यूनिट में एक लैब, एक इक्वीपमेंट यूनिट, एक डॉक्टर यूनिट और एक ब्रेस्ट फीडिंग यूनिट भी बनाया गया है. इसमें एक शिशु रोग विशेषज्ञ और एक-एक सामान्य डॉक्टर का पदस्थापन तीन शिफ्ट में किया जायेगा. जबकि दो-दो नर्स का पदस्थापन भी तीन शिफ्ट में किया जायेगा. लेकिन अभी तक निर्माण एजेंसी द्वारा इसे ढ़ाई साल के बाद भी अस्पताल को हस्तानांतरित नहीं किया गया है. जिसके कारण नवजात बच्चों के अत्यधिक बीमार होने पर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और नवजात बच्चों को अन्यत्र इलाज के लिए ले जाना पड़ रहा है.