इस पर विवि के लगभग तमाम शीर्ष अधिकारियों की सहमति बन चुकी है. सूत्रों की मानें तो जल्द ही परीक्षा विभाग इस संबंध में संचिका तैयार कर मंजूरी के लिए कुलपति के पास मंजूरी के लिए भेजेगी. जब तक कुलपति इस पर कोई फैसला नहीं लेते, अंक पत्र का वितरण रुका रहेगा.
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बीआरए बिहार विवि: अंक पत्र के प्रारूप में बदलाव का फैसला वापस होगा!
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में पीजी फोर्थ सेमेस्टर के अंक पत्र के प्रारू प में एक बार फिर बदलाव हो सकता है. अधिकारी अपनी गरदन बचाने के लिए अब पीजी के पुराने अंक पत्र के प्रारू प के आधार पर ही आठ हजार छात्र-छात्रओं को अंक पत्र देने पर विचार कर रही है. इस पर […]
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में पीजी फोर्थ सेमेस्टर के अंक पत्र के प्रारू प में एक बार फिर बदलाव हो सकता है. अधिकारी अपनी गरदन बचाने के लिए अब पीजी के पुराने अंक पत्र के प्रारू प के आधार पर ही आठ हजार छात्र-छात्रओं को अंक पत्र देने पर विचार कर रही है.
गौरतलब है कि विवि प्रशासन ने महज परीक्षा बोर्ड की मंजूरी के बाद सेमेस्टर सिस्टम की जगह पुराने रेगुलेशन (प्रीवियस/फाइनल) के आधार पर पीजी का रिजल्ट निकालने का फैसला ले लिया. यही नहीं अंक पत्र के प्रारू प में भी बदलाव करते हुए प्रीवियस की जगह प्रीवियस वन व टू एवं फाइनल की जगह फाइनल पार्ट तीन व फाइनल पार्ट चार अंकित कर दिया गया. इसके आधार पर गत 21 फरवरी को रिजल्ट भी जारी कर दिया गया. लेकिन राजभवन की मंजूरी नहीं होने के कारण इसकी मान्यता पर सवाल उठने शुरू हो गये. प्रभात खबर ने जब यह मामला उठाया तो विवि प्रशासन ने आनन-फानन में अंक पत्र वितरण पर रोक लगा दी. इस बीच कुलपति डॉ पंडित पलांडे बीमारी के कारण छुट्टी पर चले गये.
इधर, इस मामले में प्रतिकुलपति डॉ प्रभा किरण लगातार कई दिनों तक अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श करते रहे. सूत्रों की मानें तो गत 13 मार्च को अधिकारियों की बैठक में ही अंक पत्र के प्रारू प में बदलाव के फैसले को वापस लेने पर सहमति बन गयी थी. लेकिन कुलपति की मंजूरी नहीं होने के कारण अधिकारी मामले छुपाते रहे. बुधवार को जब पीजी ब्वॉयज हॉस्टल-3 तीन के छात्रों ने हंगामा किया, तो वार्ता के दौरान छात्रों ने यह मामला भी उठाया. तब परीक्षा नियंत्रक डॉ पंकज कुमार ने खुद यह बात छात्रों को बतायी. इस दौरान उन्होंने स्वीकारा की प्रभात खबर की खबर के बाद इस मामले पर विचार-विमर्श किया गया.
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