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दूरस्थ शिक्षा से बीइ/बीटेक कोर्स की मान्यता समाप्त

धनबाद: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने दूरस्थ शिक्षा से बीइ/बीटेक कोर्स की मान्यता समाप्त कर दी है. यूजीसी के सचिव ने इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी है. अब दूरस्थ शिक्षा के तहत इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा, बैचलर व मास्टर की डिग्री नहीं दी जा […]

धनबाद: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने दूरस्थ शिक्षा से बीइ/बीटेक कोर्स की मान्यता समाप्त कर दी है. यूजीसी के सचिव ने इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी है.

अब दूरस्थ शिक्षा के तहत इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा, बैचलर व मास्टर की डिग्री नहीं दी जा सकेगी. यूजीसी द्वारा जारी पत्र के अनुसार इंजीनियरिंग में आर्किटेक्ट, टाउन प्लानिंग, फार्मेसी, होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी, अप्लाइड आर्ट्स एंड क्राफ्ट तथा पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (पीजीडीएम) कोर्स की मान्यता समाप्त कर दी गयी है. दूरस्थ शिक्षा परिषद व यूजीसी की संयुक्त समिति की अनुशंसा के बाद ही सिर्फ एमबीए व एमसीए कोर्स को एआइसीटीइ व यूजीसी ने मान्यता दी है. इसकी जानकारी भी एआइसीटीइ के वेब पोर्टल पर उपलब्ध करा दी गयी है. यूजीसी का कहना है कि कोई भी विवि या संबद्ध कॉलेजों से ओपेन और डिस्टेंस लर्निग के पाठ्यक्रम संचालित नहीं किये जा सकते हैं.

कोई भी विवि/संस्था या डिम्ड विवि दूरस्थ शिक्षा के तहत इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा, स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने का दावा नहीं कर सकते. यूजीसी के सचिव के अनुसार केंद्र सरकार ने इस तरह के दावों के निबटारे के लिए एक स्वतंत्र वैधानिक प्राधिकार का भी गठन किया है. केंद्र सरकार के नियमों का उल्लंघन करने पर यूजीसी और एआइसीटीइ को शिकायतों के आधार पर कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है. केंद्र सरकार चाहती है कि उच्चतर शिक्षा प्रणाली (दूरस्थ शिक्षा) पूरे देश में एक समान रहे. यूजीसी के सचिव ने विद्यार्थियों, अभिभावकों से इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से डिग्री देने का दावा करनेवाले संस्थानों से सचेत रहने का आग्रह किया है.

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