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टंडवा-पिपरवार : कोयले के कारोबार में चल रहा धंधा, हर माह 8.25 करोड़ वसूली
प्रति टन 264 रुपये की होती है वसूली सुरजीत सिंह रांची : टंडवा और पिपरवार स्थित तीन कोल परियोजनाओं के कोयला ट्रांसपोर्टरों से हर माह करीब 8.25 करोड़ की वसूली होती है. वसूली प्रति टन 264 रुपये के हिसाब से की जा रही है. वसूली का बड़ा हिस्सा (264 रुपये में 175 रुपये) इस इलाके […]
प्रति टन 264 रुपये की होती है वसूली
सुरजीत सिंह
रांची : टंडवा और पिपरवार स्थित तीन कोल परियोजनाओं के कोयला ट्रांसपोर्टरों से हर माह करीब 8.25 करोड़ की वसूली होती है. वसूली प्रति टन 264 रुपये के हिसाब से की जा रही है. वसूली का बड़ा हिस्सा (264 रुपये में 175 रुपये) इस इलाके में सक्रिय टीपीसी के उग्रवादियों को मिलता है. इसके अलावा हर माह करीब चार करोड़ रुपये चतरा से रांची तक के राजनेता और पुलिस के नीचे से ऊपर तक के अफसरों के बीच बंटते हैं.
वसूली का यह काम पिछले करीब सात सालों से जारी है. इस दौरान टीपीसी के उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई राजनेता या पुलिस मुख्यालय के स्तर पर रोकी जाती रही. हालांकि पिछले 10-15 दिनों में पुलिस मुख्यालय के दबाव पर चतरा पुलिस ने टीपीसी पर कार्रवाई शुरू कर दी है.
हर माह 3.12 लाख टन का उत्पादन : पुलिस के आला अधिकारियों तक पहुंची सूचना के मुताबिक, टंडवा-पिपरवार इलाके में कोयले के हर तरह के कारोबार से प्रति टन के हिसाब से वसूली की जाती है. सीसीएल से मिली जानकारी के अनुसार, पिपरवार और अशोका परियोजना से हर माह करीब 1.50 लाख टन कोयले का उत्खनन और ट्रांसपोर्टिग होता है. आम्रपाली परियोजना से पिछले आठ माह में करीब 13 लाख टन कोयले का उत्पादन हुआ है. इस हिसाब से इस परियोजना से प्रति माह 1.62 लाख टन कोयले का उत्पादन हुआ. प्रति टन के हिसाब से वसूली करने के बाद हर स्तर पर टन के हिसाब से बंटवारा भी किया जाता है.
राज्यस्तरीय नेता भी लेते हैं हिस्सा : स्थानीय स्तर से लेकर राज्यस्तरीय नेता के बीच प्रति टन 50 रुपये (करीब 1.56 करोड़), स्थानीय पुलिस से लेकर रांची तक के अधिकारियों के बीच प्रति टन 50 रुपये (1.56 करोड़), ट्रांसपोर्टरों के साथ रह कर वसूली करनेवालों को प्रति टन 15 रुपये और टीपीसी उग्रवादियों को प्रति टन 175 रुपये (करीब 5.46 करोड़) मिलते हैं. सूचना यह भी है कि उग्रवादी कुछ पैसे स्थानीय लोगों के बीच भी बांटते हैं, ताकि कहीं से भी हंगामा नहीं हो.
50 लाख वसूलने की बात कबूली थी
पिछले साल हजारीबाग पुलिस ने टीपीसी के उग्रवादी नीरज गंझू को गिरफ्तार किया था. इस उग्रवादी ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया था कि वह पिपरवार से हर माह 50 लाख रुपये वसूलता था. गिरफ्तारी के समय नीरज गंझू का हजारीबाग के रामनगर में आलीशान मकान बन रहा था.
कहां से कितनी वसूली (प्रति माह)
परियोजना उत्पादन (टन में) वसूली (रु में)
आम्रपाली 1.62 लाख 4.29 करोड़
पिपरवार व अशोका 1.50 लाख 3.96 करोड़
कुल 3.12 लाख 8.25 करोड़
पुलिस व राजनेता को मिलता है हिस्सा
राजनेता (स्थानीय से राज्य स्तर तक) 50 रुपये प्रति टन
पुलिस (चतरा से रांची तक) 50 रुपये प्रति टन
ट्रांसपोर्टर स्टाफ 15 रुपये प्रति टन
कमेटी के नाम पर टीपीसी का 175 रुपये प्रति टन
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