नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अगले महीने ब्रसेल्स में होने वाला संक्षिप्त दौरा टल गया है क्योंकि यूरोपीय संघ ने इसको लेकर भारत के प्रस्ताव का जवाब नहीं दिया.सूत्रों ने बताया कि अब कनाडा की यात्रा के क्रम में दो यूरोपीय देशों फ्रांस और जर्मनी का दौरा करेंगे. प्रधानमंत्री की अप्रैल के दूसरे सप्ताह में यूरोपीय संघ की यात्रा के बारे में तिथियों को लेकर भारत की ओर से यूरोपीय संघ के पास सुझाव भी दिए गए थे.
सूत्रों ने कहा, ‘‘बहरहाल, यूरोपीय संघ की ओर से इसके बारे में जवाब नहीं आने पर सरकार ब्रसेल्स के दौरे के बगैर प्रधानमंत्री के यात्रा कार्यक्रम के साथ आगे बढ गई.’’ भारत के सुझाव पर इस असामान्य प्रतिक्रिया के पीछे का कारण पूछे जाने पर सूत्रों ने स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं बताया, हालांकि यह कहा कि यह 28 सदस्यीय यूरोपीय संघ का आंतरिक मामला है.
अटकलों के अनुसार यूरोपीय संघ की ओर से भारत के प्रस्ताव का जवाब नहीं देने का एक कारण यह भी है कि दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इतालवी मरीनों के मामले में सुनवाई की धीमी प्रगति से यूरोपीय संघ परेशान है.
यूरोपीय संघ की विदेश नीति मामलों की नई प्रमुख फेदेरिका मोगेरिनी ने इस मुद्दे पर कई ऐसे बयान दिए हैं जो भारत को असहज करने वाले थे. एक तथ्य यह भी कि है कि फेदेरिका यूक्रेन संकट और इसमें रुस की भूमिका को लेकर चिंता जताती रही हैं और इस मामले पर भारत ने पश्चिमी देशों की पंक्ति में खडा होने से इंकार कर दिया है.
उधर, यूरोप के कई छोटे देशों ने मोदी का बस्रेल्स दौरा टलने को लेकर नाखुशी जाहिर की है क्योंकि वे इसे भारत-ईयू संबंधों को आगे बढने को अवसर के तौर पर देख रहे थे.