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महिला स्वयं सहायता समूह भी बनायेगा पोषाहार
राज्य सरकार ने रेडी टू इट पोषाहार कार्यक्रम में अब महिला स्वयं सहायता समूह को भी शामिल करने का निर्णय लिया रांची : राज्य सरकार ने रेडी टू इट पोषाहार कार्यक्रम में अब महिला स्वयं सहायता समूह को भी शामिल करने का निर्णय लिया है. तत्कालीन समाज कल्याण, महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी […]
राज्य सरकार ने रेडी टू इट पोषाहार कार्यक्रम में अब महिला स्वयं सहायता समूह को भी शामिल करने का निर्णय लिया
रांची : राज्य सरकार ने रेडी टू इट पोषाहार कार्यक्रम में अब महिला स्वयं सहायता समूह को भी शामिल करने का निर्णय लिया है. तत्कालीन समाज कल्याण, महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी के कार्यकाल में रेडी-टू-इट पोषाहार कार्यक्रम के लिए फूड पैकेट्स तैयार करने की जवाबदेही इंटरलिंक फूड्स प्राइवेट लिमिटेड, आदित्य फ्लोर मिल प्राइवेट लिमिटेड और कोटा दाल मिल राजस्थान को दी गयी थी. ये तीनों कंपनियां पतरातू और बोकारो से फूड पैकेट्स का उत्पादन कर रही हैं.
उत्पादन प्रक्रिया से जोड़ने की तैयारी
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार महिला स्वयं सहायता समूह और महिला मंडलों को भी उत्पादन कार्यक्रम से जोड़ा जायेगा. समूहों और महिला मंडलों को चरणबद्ध तरीके से उत्पादन प्रक्रिया से जोड़ा जायेगा. सभी संबंधित जिलों के उपायुक्तों को सक्षम स्वंय सहायता समूहों के नाम की अनुशंसा करने का निर्देश दिया गया है. छह माह से तीन वर्ष तक के बच्चों समेत गर्भवती और धातृ महिलाओं को रेडी टू इट फूड पैकेट्स दिये जा रहे हैं.
टर्न ओवर 15-20 लाख होना जरूरी
राज्य सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों और महिला मंडलों के लिए 15 से 20 लाख रुपये प्रति माह का टर्न ओवर तय किया है. इसके लिए जमीन की उपलब्धता और दस्तावेजों का भी विवरण मांगा गया है. इसी आधार पर उपायुक्त समूहों और मंडलों का चयन कर समाज कल्याण निदेशालय को अपनी अनुशंसा रिपोर्ट भेजेंगे.
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