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निजी फायदे के लिए पहुंचाया नुकसान
मेराल ग्राम स्टेशन प्रबंधक व पीडब्ल्यूआइ की मिलीभगत से इंडेंट नहीं मिलने के कारण दो रैक डोलोमाइट पत्थर नहीं भेजा जा सका भवनाथपुर (गढ़वा) : धनबाद रेल डिवीजन अंतर्गत मेराल ग्राम रेलवे स्टेशन प्रबंधक जेके सिंह व पीडब्ल्यूआइ एसआर पाल की मिलीभगत से निजी फायदे के लिए हिंडालको कंपनी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से […]
मेराल ग्राम स्टेशन प्रबंधक व पीडब्ल्यूआइ की मिलीभगत से इंडेंट नहीं मिलने के कारण दो रैक डोलोमाइट पत्थर नहीं भेजा जा सका
भवनाथपुर (गढ़वा) : धनबाद रेल डिवीजन अंतर्गत मेराल ग्राम रेलवे स्टेशन प्रबंधक जेके सिंह व पीडब्ल्यूआइ एसआर पाल की मिलीभगत से निजी फायदे के लिए हिंडालको कंपनी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से रेलवे व सेल आरएमडी माइंस को करोड़ों रुपये का नुकसानपहुंचाया गया.
समाचार के अनुसार आरएमडी सेल प्रबंधन द्वारा मेराल ग्राम स्टेशन को 19 फरवरी 2015 को दो रैक डोलोमाइट पत्थर भेजने के लिए इंडेंट भेजा गया था, जिसमें से एक रैक बोकारो व दूसरा राउरकेला को भेजा जाना था. लेकिन स्टेशन प्रबंधक जेके सिंह व पीडब्ल्यूआइ एसआर पाल की मिलीभगत से इंडेंट नहीं मिलने के कारण पत्थर नहीं जा सका. इसके चलते सेल आरएमडी माइंस को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. वहीं रेल विभाग इंडेंट दिया होता, तो रेलवे को 50 लाख का मुनाफा होता. लेकिन दोनों पदाधिकारियों द्वारा निजी लाभ के लिए मेराल से भवनाथपुर तक 32 किमी रेल लाइन को अयोग्य बताया गया.
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