नयी दिल्ली : पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने दिल्ली में कहा कि यदि भाजपा ने सरकार को आठ दिन पहले समर्थन देने का फैसला पहले ले लिया होता, तो उनकी सरकार नहीं जाती. लेकिन, भाजपा द्वारा बिलंब से समर्थन दिये जाने के बाद विधायकों को डराया-धमकाया जा रहा था. जिसके कारण बहुत सारे विधायक पक्ष में वोट नहीं डाल सके. मांझी ने कहा कि वह पूरे बिहार में घूम-घूम कर नीतीश कुमार की असलियत को बतायेंगे. मांझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के काम की प्रशंसा की. माना जा रहा है कि मांझी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मिल कर बिहार के लिए रणनीति बनायेंगे.
हालांकि, मांझी भाजपा के लिए जो कुछ भी कहें, लेकिन भाजपा नेता इस पर खुलकर बोलने को तैयार नहीं है. भाजपा की यह दुविधा है कि वह मांझी सरकार के कामकाज की भी आलोचना कर चुकी है. इसीलिए मांझी के साथ कोई भी बातचीत या समझौता करने से पहले भाजपा को बार-बार सोचना पड़ रहा है. दूसरी ओर रालोसपा के सांसद अरुण कुमार ने मांझी से मुलाकात की.
प्रभात खबर से बातचीत में अरुण कुमार ने कहा कि वह मांझी को अपनी पार्टी में शामिल करना चाहते हैं. क्योंकि मांझी के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया था, वह अशोभनीय और राजनीतिक और लोकतांत्रिक परंपरा के विपरीत है. अरुण कुमार ने कहा कि मांझी महादलित हैं और उनकी पार्टी महादलित के साथ किसी भी प्रकार के अन्याय के खिलाफ है. यह पूछे जाने पर कि मांझी की ओर से क्या आश्वासन मिला है, उन्होंने कहा कि मांझी से उनकी पुरानी मित्रता है. बातचीत चल रही है, आगे क्या होगा यह बताना अभी जल्दबाजी होगी.