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बीपीएल परिवारों को मुफ्त इलाज के लिए करना होगा अभी इंतजार
फरवरी में ही जिले के तीन लाख 55 हजार परिवारों को स्मार्ट कार्ड जारी करने का था लक्ष्य गरीबों को मुफ्त इलाज के लिए स्मार्ट कार्ड के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा. गरीब परिवारों को नि:शुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना मार्च से ही शुरू हो जानी थी, पर अब तक नौ […]
फरवरी में ही जिले के तीन लाख 55 हजार परिवारों को स्मार्ट कार्ड जारी करने का था लक्ष्य
गरीबों को मुफ्त इलाज के लिए स्मार्ट कार्ड के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा. गरीब परिवारों को नि:शुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना मार्च से ही शुरू हो जानी थी, पर अब तक नौ फीसदी परिवारों को ही कार्ड जारी किया जा सका है. वहीं ये कार्ड भी अभी एक्टिवेट नहीं हो सके हैं, जिसके चलते गरीबों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
सीवान : राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बीपीएल परिवारों को नि:शुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने की सरकारी योजना को अफसरशाही की लेट-लतीफी का रोग लग गया है. फरवरी माह में ही जिले के तीन लाख 55 हजार परिवारों को स्मार्ट कार्ड जारी करने का लक्ष्य तय किया गया था, जिससे कि मार्च माह से इस योजना से इन परिवारों को लाभान्वित किया जा सके. हाल यह है कि तमाम सरकारी कोशिशों के बाद भी अब तक मात्र 30 हजार परिवारों को ही यह कार्ड जारी किया जा सका है. यह लक्ष्य का तकरीबन नौ फीसदी है. वहीं ये कार्ड भी अब तक एक्टिवेट नहीं हुए हैं, जिसके चलते यह अभी उनके लिए मात्र शो पीस है.
परिवारों को मिलनी हैं ये सुविधाएं : कैंप लगा कर स्मार्ट जारी करने के लिए आवेदक से 30 रुपये लिये जाने हैं. एक कार्ड पर परिवार के पांच सदस्यों का वर्ष भर में तीस हजार रुपये तक का नि:शुल्क इलाज होना है. इसके तहत स्मार्ट कार्डधारी गर्भवती महिला के नवजात शिशु भी सम्मिलित है.अस्पताल में भरती के दौरान सभी दवाएं नि:शुल्क, खून की जांच, एक्स-रे, पैथोलॉजी,अल्ट्रासाउंड इत्यादि जांच, डिस्चार्ज के समय पांच दिनों की दवा नि:शुल्क, अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद घर ले जाने के लिए एक सौ से एक हजार रुपये किराया, वहीं भरती न होने की दशा में चिकित्सा परामर्श नि:शुल्क एवं रियायती दर पर दवा तथा जांच की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी.
जिले में 13 केंद्र चिह्न्ति : स्मार्ट कार्डधारी गरीबों को इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिले में 13 केंद्र चिह्न्ति किये गये हैं, जिसमें नौ प्राइवेट तथा पांच सरकारी चिकित्सालय शामिल हैं, जहां कम-से-कम 10 बेडों की व्यवस्था, सजर्री के लिए सुविधा युक्त ऑपरेशन थियेटर, 24 घंटे योग्य चिकित्सक व नर्सिग स्टाफ, आयकर विभाग से निबंधित, टेलीफोन व फैक्स सुविधा युक्त, मरीजों का रिकॉर्ड रखने की समुचित व्यवस्था तथा स्मार्ट कार्ड रीडर मशीन होनी चाहिए. 40 वर्ष उम्र की महिलाओं की गर्भाशय सजर्री की आवश्यकता होने पर बीमा प्रदाता कंपनी को पूर्व से सूचित करना होगा.गर्भाशय सजर्री करनेवाले अस्पतालों में कम-से-कम दो विशेषज्ञ सजर्न,जिनमें एक गायनोकोलॉजी में स्नातकोत्तर डिग्रीधारी चिकित्सक अवश्य होने चाहिए. ऐसे अस्पतालों में एक महिला चिकित्सक को रेजिडेंट सजर्न के रूप में होना अनिवार्य है.
जिला शिकायत निवारण समिति करेगी शिकायतों का निस्तारण : योजना के क्रियान्वयन के दौरान आनेवाली परेशानी व अनियमितता को दूर करने के लिए जिला शिकायत निवारण समिति का गठन किया गया है, जिसके अध्यक्ष जिला पदाधिकारी या उनके प्रतिनिधि, संयोजक डीकेएम व सदस्य बीमा कंपनी के प्रतिनिधि होंगे. जिले में यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंश कंपनी को इसकी जिम्मेवारी दी गयी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
योजना को लागू करने के लिए स्मार्ट कार्ड जारी किये जा रहे हैं. फरवरी में कार्ड नहीं जारी किये जाने से एक माह तक की अवधि बढ़ा दी गयी है. अब अप्रैल से योजना का लाभ गरीबों को मिलेगा.
गणोश कुमार झा, डीकेएम, सीवान
सह श्रम अधीक्षक,सीवान
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