फोटो संख्या : 11 फोटो कैप्सन : कथा का श्रवण करते श्रद्धालु प्रतिनिधि : तारापुर —————देवराज इंद्र ने जब बृज को डुबो देने के लिए बादल को आदेश दिया तब अति वृष्टि से बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन धारण किया. भगवान की इस लीला ने समाज को कई संदेश दिये. बदुआ नदी तट पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन शुक्रवार को स्वामी गिरीशानंद ने कही. उन्होंने कहा कि पुरुष संकल्पवान हो तो गोवर्धन जैसे पहाड़ को भी उठा कर अपने प्रयोग में ला सकता है. सारे गांव की रक्षा के लिए सारे गांव के साथ लग गये तथा ऊंच-नीच, अमीर-गरीब के सारे लोग इकट्ठे हो जाय हमारी पहाड़ जैसी समस्या का समाधान है. गोवर्धन भगवान की उंगली पर है. प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि गृहस्थ के लिए प्रत्येक क्षेत्र में सफल होना अग्निपरीक्षा के समान है. मानव शरीर की तुलना गोवर्धन से करते हुए कहा कि जब तक ईश्वर आपके शरीर में बास करता है तब तक मनुष्य अपनी विशाल काया को हंसी-खुशी पूर्वक झेल लेता है. लेकिन जैसे ही सांस रूपी श्रीकृष्ण शरीर से निकल जाता है तो यह गोवर्धन रूपी शरीर जमीन पर लुढ़क जाता है. मौके पर भजन गायन का भी दौर चलता रहा और सैकड़ों श्रद्धालु भक्ति के रस में गोता लगाते रहे.
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अमीर-गरीब एक हो जायें तो पहाड़ जैसी समस्या का समाधान निश्चित
फोटो संख्या : 11 फोटो कैप्सन : कथा का श्रवण करते श्रद्धालु प्रतिनिधि : तारापुर —————देवराज इंद्र ने जब बृज को डुबो देने के लिए बादल को आदेश दिया तब अति वृष्टि से बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन धारण किया. भगवान की इस लीला ने समाज को कई संदेश दिये. बदुआ नदी तट […]
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