नींद के लिए दवा को न बनाएं साथीसंवाददाता. गोपालगंजअगर आपको नींद नहीं आती और आप रात भर पहरेदारी करते है तो सोने के लिए दवा का इस्तेमाल करने के बजाय अपनी दिनचर्या बदलें. यकीनन आपको आराम मिलने में कुछ दिन लग सकते हैं लेकिन यह स्थायी इलाज होगा. नींद की दवा अस्थायी राहत है और इसका ज्यादा सेवन नुकसानदेह भी. विश्व निद्रा दिवस के रूप में मनाया जा रहा. यह दिवस हर साल मार्च के दूसरे शुक्रवार को मनाया जाता है. विशेषज्ञों में मुताबिक नींद न आने के पीछे कई विकृतियां होती हैं. इनमें स्लीप एप्निया मुख्य है. शहर के प्रमुख एमडी डॉ शंभुनाथ सिंह ने बताया कि रिपोर्ट के मुताबिक इम्सोम्न्यि की समस्या 45 प्रतिशत वयस्कों को है, जबकि स्लीप एप्निया की समस्या 10 प्रतिशत लोगों में है. इस समस्या से ग्रसित होनेवाले बच्चे भी हैं.स्लीप एप्निया क्या हैयह एक असामान्य श्वसन क्रिया है. नींद में सोते वक्त खर्राटे के साथ सांस रुक जाती है, जिसमें नींद टूट जाती है और ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. चूंकि इनसान को नींद टूटने का अहसास नहीं होता है. इस कारण दिन में अक्सर होता रहता है, जिसका मनुष्य के शरीर पर असर पड़ता है. यह प्रक्रिया एक घंटे में सौ बार पायी जाती है.नींद पाने के उपाय सोने और जगने का टाइम निर्धारित करेंदिन में अधिकतम 45 मिनट से ज्यादा से झपकी न लेंअगर शराब का सेवन करते हैं, तो सोने से कम-से-कम चार घंटे पहले पीएधूम्रपान न करें.चाय, काफी और शीतल पेय का सेवन सोने के छह घंटे पहले तक करें,सोने के चार घंटे पहले भोजन कर लें.
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पेज का टॉप फ्लायर – विश्व निद्रा दिवस : दवा से नहीं दिनचर्या बदल कर पाएं भरपूर नींद
नींद के लिए दवा को न बनाएं साथीसंवाददाता. गोपालगंजअगर आपको नींद नहीं आती और आप रात भर पहरेदारी करते है तो सोने के लिए दवा का इस्तेमाल करने के बजाय अपनी दिनचर्या बदलें. यकीनन आपको आराम मिलने में कुछ दिन लग सकते हैं लेकिन यह स्थायी इलाज होगा. नींद की दवा अस्थायी राहत है और […]
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