नयी दिल्ली : आयकर विभाग ने केयर्न इंडिया पर 20,495 करोड रुपये की कर मांग का नोटिस भेजा है. कंपनी की पूर्व प्रवर्तक केयर्न एनर्जी पीएलसी, कथित तौर पर हुए पूंजीगत लाभ पर विदहोल्डिंग टैक्स की कटौती करने में नाकाम रही जिसके कारण उसे यह नोटिस भेजा गया है.
केयर्न इंडिया ने कहा कि वह कर मांग से सहमत नहीं है और अपने हितों की रक्षा के लिए हर संभव विकल्प अपनाएगी. इस सप्ताह की शुरुआत में आयकर विभाग ने केयर्न एनर्जी पीएलसी पर 2006 में भारत की अपनी सारी संपत्ति नयी कंपनी, केयर्न इंडिया को हस्तांतरित करने और इसे शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने से हुए कथित तौर पर 24,500 करोड रुपये के लाभ के लिए 10,247 करोड रुपये के कर की मांग की थी.
कंपनी ने एक नियामकीय सूचना में कहा ‘केयर्न इंडिया लिमिटेड को आज आयकर विभाग से 2006-07 के दौरान हमारी पूर्ववर्ती मूल कंपनी और केयर्न एनर्जी पीएलसी की अनुषंगी केयर्न यूके होल्डिंग्स लिमिटेड को 2006-07 के दौरान हुए कथित पूंजी लाभ पर विदहोल्डिंगि कर की कटौती में नाकाम रहने के मद्देजर एक आदेश मिला है.’
केयर्न इंडिया ने कहा कि यह मामला 2006-07 का है जब केयर्न इंडिया का आईपीओ लाने के लिए आंतरिक समूह पुनर्गठन के तौर पर केयर्न इंडिया लिमिटेड को केयर्न इंडिया होल्डिंग्स लिमिटेड के शेयर हस्तांतरित किये गये थे. कंपनी ने कहा ‘20495 करोड रुपये का मांग नोटिस भेजा गया है जिसमें करीब 10,248 करोड रुपये का कर और करीब 10,247 करोड रुपये का ब्याज शामिल है.
केयर्न इंडिया इस कथित मांग से सहमत नहीं है और अपने हितों की रक्षा के लिए हर संभव विकल्प अपनाएगी.’ केयर्न इंडिया ने कहा कि उसने हमेशा से ही भारतीय आयकर कानून का पूरी तरह से पालन किया है. कंपनी ने कहा ‘वित्त वर्ष 2006-07 के लिए हस्तांतरण मूल्य निर्धारण आकलन सहित आयकर आकलन पूरा किया गया था.’
केयर्न इंडिया इस नोटिस के साथ वोडाफोन ग्रुप पीएलसी और रॉयल डच शेल पीएलसी जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की उस जमात में शामिल हो गया जिन्हें पिछली तारीख से कर लगाने के कानून के तहत कर की मांग के नोटिस भेजे गये हैं.
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