इस फॉर्म के आधार पर ही हाथ रिक्शावालों को ई-रिक्शा दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि हम लोगों ने ई-रिक्शा के कई मॉडल चिह्न्ति कर राज्य सरकार को भेज दिया है, जिनमें से किसी का चयन किया जायेगा. राज्य सरकार की इस पहले से हाथ रिक्शा मालिकों व चालकों में उम्मीद की एक किरण जगी है.
सरकार के इस फैसले से गरीबी रिक्शा मालिकों व चालकों को काफी फायदा होगा. 2-3 महीने के अंदर ही ई-रिक्शा पारंपरिक हाथ रिक्शा का स्थान ले लेंगे. हम लोगों ने महानगर की सड़कों व गलियों का ध्यान रखते हुए थोड़ा छोटे साइज के टू-सीटर ई-रिक्शा का चयन किया है. जिनकी कीमत 75000 रुपये है. इसमें से आधी रकम राज्य सरकार सब्सिडी के रुप में देगी, जबकि बाकी की रकम बैंकों से फायनेंस करवाया जायेगा. महानगर में हाथ रिक्शा की संख्या छह हजार है.