Advertisement
नारी ही करती है नारी का शोषण
आज के परिवेश में ‘जहां नारी की पूजा होती है वहां देवताओं का वास होता है’ जैसा वाक्य अटपटा लगता है. क्योंकि नारी ही नारी की सबसे बड़ी दुश्मन बनी हुई है. मायका छोड़ ससुराल आनेवाली नयी- नवेली दुल्हन की चुगली घर के पुरुष सदस्यों से कोई और नहीं, बल्कि उस घर की नारियां ही […]
आज के परिवेश में ‘जहां नारी की पूजा होती है वहां देवताओं का वास होता है’ जैसा वाक्य अटपटा लगता है. क्योंकि नारी ही नारी की सबसे बड़ी दुश्मन बनी हुई है. मायका छोड़ ससुराल आनेवाली नयी- नवेली दुल्हन की चुगली घर के पुरुष सदस्यों से कोई और नहीं, बल्कि उस घर की नारियां ही करती हैं.
चाहे वह सास हों, ननद हों, जेठानी हों या फिर अन्य सदस्य. इन छोटी-मोटी शिकायतों की अनदेखी करने पर महाभारत होना भी तय माना जाता है. इतना ही नहीं, आज यदि देश में कन्या भ्रूणहत्या का प्रचलन बढ़ा है, तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है यह सभी जानते हैं. महिला-पुरुष में भेदभाव करना सबसे पहले कौन सिखाता है? आज जरूरत इस बात की है कि नारियों के सम्मान के लिए नारी को ही आगे आना होगा. एक नारी की आजादी से पुरुष को नहीं, बल्कि नारी को ही डर लगता है.
जयंती बैद्य, रांची
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement