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कर्ज के कारण कृषकों ने नहीं की आत्महत्या

कोलकाता : राज्य में पिछले दो दिनों में आलू किसानों द्वारा की गयी आत्महत्या की घटनाओं से बंगाल सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया है. बुधवार को राज्य के कृषि मंत्री पूर्णेदु बसु ने स्पष्ट कर दिया कि कर्ज के कारण किसानों ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि अन्य पारिवारिक व मानसिक अवसाद के कारण […]

कोलकाता : राज्य में पिछले दो दिनों में आलू किसानों द्वारा की गयी आत्महत्या की घटनाओं से बंगाल सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया है. बुधवार को राज्य के कृषि मंत्री पूर्णेदु बसु ने स्पष्ट कर दिया कि कर्ज के कारण किसानों ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि अन्य पारिवारिक व मानसिक अवसाद के कारण उन्होंने खुदकुशी की है.

गौरतलब है कि हुगली जिले के खानाकुल के रहनेवाले स्वपन कुंडू ने आत्महत्या कर ली थी. इस संबंध में कृषि मंत्री ने कहा कि स्वपन कुंडू ने को-ऑपरेटिव से 80 हजार रुपये का कर्ज लिया था, लेकिन को-ऑपरेटिव ने कर्ज वापस देने के लिए कोई दबाव नहीं दिया. इसी प्रकार, बर्दवान जिले के भातार के रहनेवाले गुड्डू मुमरू ने भी आत्महत्या की है. इसके संबंध में मंत्री ने कहा कि मुमरू पर कोई कर्ज नहीं था. वह काफी शराब पीता था और पारिवारिक विवाद के कारण ही उसने आत्महत्या की है.

हालांकि मंत्री ने स्वीकार किया कि इस वर्ष आलू का उत्पादन काफी अधिक हुआ है, इसलिए उसे रखने की समस्या है. लेकिन इससे किसानों को मिलने वाले कीमत में किसी प्रकार की गिरावट नहीं आयेगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के लिए 550 रुपये प्रति क्विंटल की दर से आलू बेचने की कीमत निर्धारित की है और इस आलू को कोलकाता सहित अन्य बाजारों में सात रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जायेगा. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही राज्य सरकार ने मिड डे मिल के लिए 50 हजार टन आलू खरीदने का फैसला किया है, बहुत जल्द राज्य सरकार इस आलू को खरीदना शुरू कर देगी.

इस संबंध में प्रगतिशील आलू व्यवसायी समिति के राज्य सचिव बरेन मंडल ने बताया कि इस वर्ष यहां काफी आलू की पैदावार हुई है. पिछले वर्ष के 85 लाख टन की तुलना में इस वर्ष 120 करोड़ टन आलू की पैदावार हुई है. इसके बावजूद ऐसा नहीं है कि बाजार में आलू की कीमत कम हुई है. कोलकाता बाजार में अब भी 10-12 रुपये प्रति किलो की दर से आलू बिक रहा है, लेकिन किसानों को इसकी कीमत 2-3 रुपये प्रति किलो मिल रही है. बर्दवान व हुगली जिले में बने 117 कोल्ड स्टोरेज में करीब 13 लाख टन आलू रखने की व्यवस्था है, जबकि यहां उत्पादन करीब 23 लाख टन हुआ है. अभी भी करीब 40 प्रतिशत आलू को खेत से उठा पाना भी संभव नहीं हो पाया है, ऐसे में राज्य सरकार ने निर्यात पर जो पाबंदी लगायी है, इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है.

इस संबंध में मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बाहर राज्यों में भी आलू भेजने का फैसला किया है, लेकिन यहां से बाहर राज्यों में कितना आलू भेजा जायेगा, इस संबंध में उन्होंने कुछ भी स्पष्ट नहीं किया.

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