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जैक के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी नियमित होंगे
रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को नियमित करने के लिए विधानसभा ने कमेटी बनाने का निर्देश दिया है. जैक में कार्यरत 271 दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को नियमानुसार नियमित करने के लिए बुधवार को सदन में स्पीकर दिनेश उरांव ने अपनी अध्यक्षता में कमेटी बनाने का नियमन दिया. स्पीकर ने […]
रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को नियमित करने के लिए विधानसभा ने कमेटी बनाने का निर्देश दिया है. जैक में कार्यरत 271 दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को नियमानुसार नियमित करने के लिए बुधवार को सदन में स्पीकर दिनेश उरांव ने अपनी अध्यक्षता में कमेटी बनाने का नियमन दिया.
स्पीकर ने सदन को बताया कि कमेटी में प्रतिपक्ष के नेता, शिक्षा मंत्री, संसदीय कार्यमंत्री, शिक्षा सचिव, कार्मिक सचिव शामिल किये जायेंगे. मनोनित विधायक ग्लेन जोसेफ गॉलस्टन ने सत्र की पहली पाली में जैक में कार्यरत दैनिक वेतनभोगियों के नियमित किये जाने का मामला उठाया था. दैनिक वेतनभोगी को नियमित करने की मांग पक्ष-विपक्ष दोनों ही ओर से हुई.
विधायकों का कहना था कि वर्षो से यहां दैनिक वेतनभोगी काम कर रहे हैं. उन्होंने काम में विशिष्टता हासिल कर ली है. जैक स्वायत्त संस्था है, सरकार को वित्तीय भार भी नहीं आनेवाला है, ऐसे में दैनिक कर्मियों को नियमित कर देना चाहिए. सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने सदन को बताया कि दैनिक वेतनभोगी की नियुक्ति को लेकर निगरानी जांच चल रही है. अंकेक्षण में भी आपत्ति जतायी गयी है. संसदीय कार्यमंत्री ने भी पक्ष रखते हुए कहा कि इनकी नियुक्तियों के अवैध होने की बात सामने आयी है. इस मामले में जांच चल रही है.
मंत्री सीपी सिंह ने कहा, यहां दैनिक वेतनभोगी वर्षो से काम कर रहे हैं.रोस्टर का पालन करते हुए, विभागीय स्तर पर परीक्षा लेकर इनको नियमित किया जाना चाहिए. स्पीकर श्री उरांव ने कहा : दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को निश्चित रूप से नियमित होना चाहिए. लेकिन यह भी सच है कि अनुबंध के नाम पर बहुत कुछ हुआ है. जिनकी पहुंच रही है, वे अनुबंध पर बहाल होते रहे हैं. ऐसे में 271 लोगों को दैनिक वेतनभोगी के रूप में रखने पर भी शंका होती है. स्पीकर ने कहा कि एक दैनिक वेतनभोगी के आश्रित को अनुकंपा के आधार पर स्थायी नौकरी दे दी गयी. जैक को यह भी देखना चाहिए था. श्री उरांव ने कहा कि हम चाहते हैं कि वे नियमित हों.
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