रांची. पूर्व विधायक बंधु तिर्की ने कहा है कि राज्य सरकार अपना फैसला लोगों पर थोप रही है. सरकार को आदिवासी-मूलवासी की भावना का ख्याल करना चाहिए. मगही और भोजपुरी को दूसरे राजभाषा की सूची में शामिल कर यहां के लोगों का ख्याल नहीं किया गया है. सरकार को राज्य के क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा को आगे बढ़ाने की चिंता नहीं है. वहीं, दूसरी भाषा को राज्य में लागू किया जा रहा है. झारखंड की भाषाई संस्कृति पर हमला बरदाश्त नहीं किया जायेगा. सरकार यहां के आदिवासी-मूलवासी के सब्र की परीक्षा न ले. एक ओर स्थानीय नीति लागू न कर सरकार यहां के लोगों के हक-अधिकार पर चोट कर रही है, दूसरी ओर बिना औचित्य के फैसले थोपे जा रहे हैं. सरकार में शामिल आदिवासी-मूलवासी मंत्रियों-विधायकों से यहां की जनता समय पर जवाब मांगेगी. मगही-भोजपुरी को राजभाषा का दर्जा दिये जाने का सड़क पर विरोध होगा.
सरकार अपना फैसला राज्य के लोगों पर नहीं थोपे : बंधु
रांची. पूर्व विधायक बंधु तिर्की ने कहा है कि राज्य सरकार अपना फैसला लोगों पर थोप रही है. सरकार को आदिवासी-मूलवासी की भावना का ख्याल करना चाहिए. मगही और भोजपुरी को दूसरे राजभाषा की सूची में शामिल कर यहां के लोगों का ख्याल नहीं किया गया है. सरकार को राज्य के क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा […]
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