रांची का रिम्स न जाने कब से बदहाली के आंसू रो रहा है. रांची और आसपास के इलाकों से आनेवाले गरीबों का सहारा रिम्स बेसहारा अपंग बच्चे की तरह घुसकुटिया काट रहा है और अपनी दुर्दशा की कहानी कह रहा है. इसे इसके पुख्ता इलाज की जरूरत है. इसे एक मजबूत इरादे वाला दूरदर्शी, बुद्धिमान, संवेदनशील, समझदार, निडर, ईमानदार, जनहित के लिए समर्पित और सकारात्मक सोचवाले निदेशक की जरूरत है. मेरे विचार से राज्य के बाहर के किसी ऐसे व्यक्ति से संपर्क करके उसे रिम्स के निदेशक के रूप में बहाल किया जाये, जो उपरोक्त योग्यता रखता हो.
जाहिर है झारखंड जैसे बेचैन राज्य में शायद ही कोई व्यक्ति अपना सुख-चैन ताक पर रख कर यहां आना चाहेगा. ऐसे में अनुरोध करके उसे बुलाया जाये कि रिम्स के भविष्य के साथ अब और अधिक खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है. झारखंड के इस लाचार और बेकार मेडिकल कॉलेज को एक अच्छे निदेशक की तलाश है.
झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री महोदय से अनुरोध है कि बीमार रिम्स को अब और अधिक बीमार और लाचार होने से बचाया जाये. इस सरकार से हमें यही आशा है. रिम्स को एम्स जैसा बनाने के लिए एक सुयोग्य व्यक्ति को निदेशक के पद पर आसीन कराया जाये, जो निर्भीकता के साथ उसकी व्यवस्था का संचालन करे. उसे राजनीति और अपराधियों का अखाड़ा न बनने दे और न ही वह खुद राजनीतिज्ञों से प्रेरित होकर जनता का अहित करे. उसे इस बात की समझ होनी चाहिए कि इस मेडिकल कॉलेज पर राज्य के हजारों मरीजों के इलाज का जिम्मा है. वह डॉक्टरों को भगवान बनाये और गरीबों के इलाज के लिए प्रेरित करे. आशा है मुख्यमंत्री जी ऐसा जरूर करेंगे.
उषा किरण, रांची