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एटीएम से आसानी से निकाल सकेंगे कार्ड के बिना भी कैश

क्या आप जानते हैं कि बैंक में यदि आपका खाता नहीं है या फिर आपके पास डेबिट कार्ड या एटीएम कार्ड नहीं है, तब भी आप एटीएम से रकम निकाल सकते हैं? जी हां! अब यदि कोई आपको रकम भेजेगा, तो आप किसी कार्ड के प्रयोग के बिना भी एटीएम से रुपये निकाल सकते हैं. […]

क्या आप जानते हैं कि बैंक में यदि आपका खाता नहीं है या फिर आपके पास डेबिट कार्ड या एटीएम कार्ड नहीं है, तब भी आप एटीएम से रकम निकाल सकते हैं? जी हां! अब यदि कोई आपको रकम भेजेगा, तो आप किसी कार्ड के प्रयोग के बिना भी एटीएम से रुपये निकाल सकते हैं. बैंकों ने इसके लिए कार्डलेस कैश सिस्टम शुरू किया है, जिसके माध्यम से बिना कार्ड के रकम निकाली जा सकती है, किसी को भेजी जा सकती है या कहीं से रकम हासिल की जा सकती है. इस सिस्टम से कैसे हस्तांतरित होती है रकम और कैसे निकाला जाता है इसे एटीएम से, बता रहा है आज का नॉलेज..

सतीश सिंह

(लेखक बैंक अधिकारी हैं)

तकनीक आधारित बैंकिंग ने ग्राहकों के हाथों में बैंक की चाभी दे दी है. ग्राहक अब अपने मन-मुताबिक कभी भी पैसों की निकासी अपने खाते से कर सकते हैं. आजकल लोगों के बीच डेबिट कार्ड से नकदी की निकासी सबसे लोकप्रिय साधन है. आमतौर पर नकदी के लिए लोग बैंक जाने से परहेज करते हैं. पैसे निकालने की मशीन यानी एटीएम की उपलब्धता के कारण ग्राहक किसी भी जगह से कभी भी नकदी निकाल सकते हैं. डेबिट कार्ड का सबसे अधिक इस्तेमाल दूरदराज के इलाकों में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों को पैसे भेजने या छोटे व्यापारियों द्वारा माल खरीदने में होता है. ऑनलाइन खरीदारी, टिकट आरक्षण, बिल भुगतान, प्वॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) में खरीदारी आदि में भी इसका जबरदस्त इस्तेमाल हो रहा है. ड्राफ्ट, एनइएफटी, आरटीजीएस आदि की धार को इसने कुंद कर दिया है, जिसका इस्तेमाल अब सिर्फ बड़ी राशि के अंतरण (ट्रांसफर) के लिए किया जाता है.

इंस्टेंट मनी ट्रांसफर (कार्डलेस कैश)

तकनीक आधारित बैकिंग सुविधाओं में भले ही इजाफा हो रहा है, लेकिन इसके साथ इससे जुड़े जोखिमों में भी बढ़ोतरी हो रही है. इस परिप्रेक्ष्य में कार्ड से जुड़े जोखिमों को सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता है. हाल के सालों में डेबिट कार्ड से संबंधित धोखाधड़ी एवं उससे जुड़े विवादों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.

इस परिप्रेक्ष्य में बैंकिंग सूचना एवं प्रौद्योगिकी में सुधार लाने के क्रम में डेबिट कार्ड के विकल्प के तौर पर इंस्टेंट मनी ट्रांसफर (आइएमटी) प्रणाली को विकसित किया गया है. इस सुविधा का प्रचलित नाम कार्डलेस कैश और आइएमटी है. इस प्रणाली के तहत मोबाइल एवं चार अंकों के दो कोड की मदद से कार्ड के बिना एटीएम मशीन एवं दुकानों से नकदी निकाली जा सकती है. भारत में इस सुविधा की शुरुआत हाल के वर्षो में की गयी है. भारत में निजी बैंकों में एक्सिस बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक एवं कोटक महिंद्रा और सरकारी बैंकों में ‘बैंक ऑफ इंडिया’ ने इस सुविधा को ग्राहकों के लिए शुरू किया है. पंजाब नेशनल बैंक और भारतीय स्टेट बैंक जल्द ही इस सुविधा को शुरू करने वाले हैं.कार्डलेस कैश सुविधा शुरू करने के पीछे बैंकों का मकसद ग्राहकों पर अपनी पकड़ कायम रखना, उन्हें बेहतर और सुरक्षित सेवा मुहैया कराना आदि है, क्योंकि डेबिट कार्ड के खोने, उसकी क्लोनिंग, ऑनलाइन या प्वॉइंट ऑफ सेल में खरीदारी के दौरान डाटा के हैक होने जैसे जोखिमों की प्रबलता अधिक होती है. इस नजरिये से देखा जाये तो आइएमटी प्रणाली जोखिम से अपेक्षाकृत मुक्त है. इसकी व्यापकता डेबिट कार्ड से अधिक है. इस सुविधा का लाभ देश के किसी भी हिस्से में उठाया जा सकता है और इसके लिए बैंक में खाता होना भी जरूरी नहीं है.

पंजीकरण की प्रक्रिया

पंजीकरण एक बार की जानेवाली प्रक्रिया है, जिसे पैसा अंतरित करने के लिए इच्छुक ग्राहक एसएमएस, इंटरनेट बैकिंग आदि के माध्यम से करा सकता है. पंजीकरण के बाद लाभार्थी तय सीमा के मुताबिक एक या अधिक बार नकदी निकाल सकता है. कार्डलेस कैश के लाभार्थी को पंजीकरण के समय केवाइसी कराना जरूरी होता है. केवाइसी के लिए लाभार्थी को अपना पता और पहचान पत्र का दस्तावेज बैंक में जमा करना होता है. इस प्रक्रिया के पूरे होने के बाद रकम ट्रांसफर करने की इच्छा रखने वाला ग्राहक अपने बैंक को एसएमएस या डाउनलोड किये गये एप की मदद से नकदी हासिल करने वाले व्यक्ति के मोबाइल नंबर पर राशि के हस्तांतरण की मंजूरी देता है.

आइएमटी ट्रांजेक्शन को पूरा करने के लिए राशि हस्तांतरित करनेवाले और नकदी हासिल करनेवाले के मोबाइल पर निर्देश कोड एसएमएस के जरिये भेजा जाता है. नकदी निकालने के लिए लाभार्थी को दोनों कोड एटीएम में डालना होता है. इसमें फर्जीवाड़ा से बचाव के लिए रकम अंतरित करनेवाले ग्राहक और लाभार्थी को सिस्टम द्वारा जारी निर्देश कोड को गुप्त रखना होता है, क्योंकि आइएमटी ट्रांजेक्शन की कुंजी इन्हीं दो कोड में मौजूद होती है.

पंजीकरण की प्रक्रिया असफल रहने पर आइएमटी को रोककर रखा जाता है, जिसे 24 घंटों के अंदर अमलीजामा पहनाया या रद्द किया जाता है. आइएमटी को रोककर रखने पर एसएमएस के जरिये फंड अंतरित करने वाले ग्राहक को सूचित किया जाता है.

आइएमटी ट्रांजेक्शन की वैधता और इसका शुल्क

एक सफल आइएमटी ट्रांजेक्शन की वैधता 14 दिनों की होती है. इसके बाद रकम अंतरण या नकदी की निकासी नहीं की जा सकती है. वर्तमान में प्रत्येक आइएमटी ट्रांजेक्शन के लिए शुल्क 25 रुपये रखा गया है, जिसे आइएमटी के स्थगन या रद्द करने पर वापस करने का प्रावधान नहीं है.

यदि लाभार्थी एटीएम मशीन में तीन बार गलत कोड या गलत मोबाइल नंबर डालता है तो आइएमटी ट्रांजेकशन ब्लॉक हो जाता है, लेकिन अगले दिन वह स्वत: अनलॉक हो जाता है. इसलिए कोड डालने में सावधानी बरतने की जरूरत है. यह तरीका आइएमटी ट्रांजेक्शन के जोखिम को कम करता है.

ट्रांजेक्शन की सीमा

आइएमटी सिस्टम के तहत अंतरित राशि की दो सीमा निर्धारित की गयी है. पहला, रकम अंतरित करनेवाले के लिए ट्रांजेक्शन की सीमा और दूसरा, नकदी हासिल करनेवाले के लिए निकासी की सीमा. इस संबंध में बैंकों को राशि की सीमा निर्धारण की छूट दी गयी है. इसलिए इसमें एकरूपता नहीं है.

वैसे अभी यह सुविधा मुहैया करानेवाले बैंकों ने प्रति ट्रांजेक्शन पांच हजार से दस हजार रुपये की सीमा निर्धारित की है. नकदी हासिल करनेवाले लाभार्थी के मोबाइल में नकदी निकासी की सीमा एसएमएस द्वारा भेजी जाती है. फिलहाल ऐसे ट्रांजेक्शन की सीमा प्रति माह 25,000 रुपये रखी गयी है. ट्रांजेक्शन की न्यूनतम सीमा 100 रुपये है.

चुनौतियां और दिक्कतें

निष्कर्ष के तौर पर कहा जा सकता है कि भले ही आइएमटी के तहत दी जानेवाली कार्डलेस कैश की सुविधा डेबिट कार्ड से बेहतर है, लेकिन इसके समक्ष फिलहाल अनेक चुनौतियां हैं. यह सिस्टम अभी भी अपने शैशव काल में है. इससे जुड़ी सबसे अहम कमी एटीएम मशीन पर इसकी निर्भरता है. मालूम हो कि अनेक बैंकों का एटीएम परिचालन घाटे में चल रहा है.

मौजूदा समय में एटीएम के रखरखाव पर औसतन हर महीने 50,000 से 75,000 रुपये खर्च होते हैं. इस खर्च की भरपाई तभी हो सकती है, जब एक एटीएम में रोजाना 200 या प्रतिमाह 6000 ट्रांजेक्शन हो, पर फिलहाल राष्ट्रीय स्तर पर इसका औसत प्रतिदिन 125 के आसपास है. अभी देश में तकरीबन 70,000 एटीएम है, लेकिन घाटे के कारण नये एटीएम खरीदना बैंकों के लिए फायदे का सौदा नहीं है. इधर, दुकानों में आइएमटी सिस्टम शुरू करना आसान नहीं है. सबसे बड़ी समस्या इनकी निगरानी और ट्रांजेक्शन के समायोजन की है.

कैसे काम करता है आइएमटी सिस्टम

कार्डलेस कैश तकनीक आइएमटी भुगतान प्रणाली की संकल्पना पर आधारित है. इस प्रणाली को फ्रेंच टेलिकम्युनिकेशंस फर्म अल्काटेल-लुसेंट के पूर्व एग्जीक्यूटिव रवि राजगोपालन द्वारा बनाये गये इएमपेज भुगतान प्रणाली ने तैयार किया है.

इस प्रणाली के तहत निम्न प्रक्रिया पूरी की जाती है :

आइएमटी की प्रक्रिया शुरू करना, जैसे- फंड अंतरित करनेवाले ग्राहक एवं लाभार्थी से संबंधित सूचनाओं का पंजीकरण.

आइएमटी ट्रांजेक्शन के तहत निकासी.

आइएमटी रद्द करना.

आइएमटी की स्थिति का सत्यापन.

कार्डलेस कैश

कार्डलेस कैश सुविधा के तहत ग्राहक बिना डेबिट कार्ड के मोबाइल फोन की मदद से एटीएम मशीन या दुकानों से नकदी की निकासी एवं खरीदारी कर सकता है. इस सुविधा का उपभोग करने के लिए एक एप मोबाइल में डाउनलोड करना होता है या फिर एसएमएस के जरिये आइएमटी ट्रांजेकशन को अमलीजामा पहनाया जा सकता है. इस प्रणाली के तहत रकम प्रेषित करने वाले को अपना नाम, मोबाइल नंबर, पता आदि का पंजीकरण बैंक बेबसाइट में दर्ज कराना और लाभार्थी के संबंध में वांछित सूचना मसलन मोबाइल नंबर और केवाइसी से संबंधित खानापूर्ति करना होता है.

इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद ग्राहक के मोबाइल पर एक एसएमएस भेजा जाता है, जिसमें आइएमटी से संबंधित निम्नलिखित जानकारी होती है

लाभार्थी व पैसा भेजने वाले ग्राहक का मोबाइल नंबर.

आइएमटी की राशि.

आइएमटी की वैधता तिथि.

इस संदर्भ में यदि लाभार्थी या रकम अंतरित करने वाला ग्राहक अपने दिये गये निर्देश को रद्द करता है, तो सिस्टम द्वारा आइएमटी की राशि ग्राहक के खाते में चली जाती है, लेकिन आइएमटी ट्रांजेक्शन शुल्क को वापस नहीं किया जाता है.

आइएमटी आइडी

यह एक ऐसा कोड है, जिसका इस्तेमाल आइएमटी ट्रांजेक्शन के दौरान किया किया जाता है. आइएमटी जारी करने के बाद लाभार्थी और राशि अंतरित करने वाले ग्राहक के मोबाइल नंबर पर एक एसएमएस आता है, जिसमें प्रणाली द्वारा जारी कोड होता है, जिसकी जरूरत लाभार्थी को नकदी निकालने में होती है.

कार्ड से आइएमटी ट्रांजेक्शन

यदि लाभार्थी के पास डेबिट कार्ड है और वह आइएमटी प्रणाली के जरिये निकासी करना चाहता है, तो उसे डेबिट कार्ड एटीएम मशीन में डालकर निम्न जानकारी एटीएम मशीन में डालना होता है. इसके बाद ही वांछित नकदी एटीएम मशीन से निकलती है.

मोबाइल नंबर, जिस पर उसने आइएमटी से जुड़ी जानकारी प्राप्त की है.

फंड अंतरित करने वाले द्वारा भेजा गया कोड.

एसएमएस द्वारा लाभार्थी यानी उसे भेजा गया कोड.

एसएमएस में वर्णित आइएमटी राशि.

आइएमटी सिस्टम की सीमा

इस सुविधा का लाभ फिलहाल इसे लागू करने वाले बैंक के ग्राहक ही उठा पा रहे हैं, लेकिन इस सीमा को खत्म करने के लिए आइएमटी सिस्टम में सुधार जारी है. इसके तहत सभी सदस्य बैंकों को मिलाकर एक नेटवर्क बनाये जाने का प्रस्ताव है. इसके बाद इस सुविधा का लाभ सभी बैंक के ग्राहक उठा सकेंगे. इस प्रणाली को विकसित करने वाले राजगोपालन के मुताबिक, मल्टी बैंक आइएमटी सिस्टम का सदस्य बनने के लिए मौजूदा सदस्य बैंकों को अपने आइटी सिस्टम में किसी तकनीकी बदलाव की जरूरत नहीं होगी. इसके लिए केवल सॉफ्टवेयर में छोटा सा बदलाव करना होगा, जिसे बैंक का आइटी विभाग आसानी से कर सकेगा. बदलाव के बाद आइएमटी सिस्टम सभी बैंकों में काम करेगा.

आइएमटी के फायदे

कार्डलेस कैश प्रणाली का सबसे बड़ा फायदा यह है कि जिनका बैंक में खाता नहीं है, वे भी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. इस दृष्टिकोण से देखा जाये तो यह सुविधा कुछ हद तक वित्तीय समावेशन की दिशा में बढ़ाया गया कदम है. मौजूदा समय में ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सुविधा का अभाव है. इस आलोक में इस सुविधा के माध्यम से ग्रामीण कुछ हद तक अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा कर सकते हैं, क्योंकि इस सुविधा का लाभ दुकानों के माध्यम से भी दिया जा सकता है. दुकानों के माध्यम से इस सुविधा को मुहैया कराने से इसकी व्यापकता बढ़ जायेगी. इस सुविधा का उपभोग करने पर न तो कार्ड के गुम होने का खतरा रहता है और न ही क्लोनिंग का. सुरक्षा की दृष्टि से भी यह पुख्ता सिस्टम है. आइएमटी ट्रांजेक्शन में दोहरे कोड की जरूरत होने से इसमें फर्जीवाड़ा की संभावना न्यून होती है.

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