मधुबनी : जिले के सभी सरकारी अस्पतालों व पीएचसी में कार्यरत डाटा इंट्री ऑपरेटर सोमवार से हड़ताल पर चले गये. इनका कहना है कि इन्हें विगत नौ माह से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है. इसके कारण इनके व परिवार के समक्ष आर्थिक विपनणता की हालत उत्पन्न हो गयी है.
ऐसे में इनके समक्ष हड़ताल पर जाने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा. ऐसे में अनुबंध चिकित्सकों की हड़ताल से पहले से ही स्वास्थ्य सेवा चरमरायी हुई है.
इन डाटा इंट्री ऑपरेटरों के हड़ताल पर जाने से सदर अस्पताल समेत विभिन्न रेफरल अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों का निबंधन एवं दवा वितरण कार्य बूरी तरह से प्रभावित हुआ है. आलम यह है कि सोमवार को सदर अस्पताल मधुबनी में मात्र पौने दो सौ मरीजों का मैनुअल तरीके से निबंधन होता था. जबकि सैकड़ों मरीजों को निबंधन नहीं होने के कारण बगैर इलाज कराये बैरंग लौटना पड़ा. हालांकि आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त रखने की विभाग ने कोशिश जरूर की, लेकिन ओपीडी में मरीजों की तादाद न के बराबर ही रही.
अधिकांश मरीजों का नहीं हुआ निबंधन
सोमवार से डाटा इंट्री ऑपरेटर के अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण सदर अस्पताल सहित जिले के रेफरल अस्पताल, सभी पीएचसी में मरीजों का निबंधन कार्य बंद हो गया. इस कारण सोमवार को सदर अस्पताल से करीब पांच सौ मरीज बिना इलाज कराये ही वापस लौट गये.
दरअसल, जब तक मरीजों का निबंधन नहीं होता है तब तक ओपीडी में मरीजों का इलाज नहीं किया जाता है. जानकारी के अनुसार, सुबह आठ से 12 बजे तक आठ सौ के आसपास मरीज सदर अस्पताल पहुंचे थे. इसमें से करीब तीन सौ मरीजों का वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर मैनुअल निबंधन कर इलाज किया गया, लेकिन इस निबंधन में अधिक समय लगने के कारण अधिकांश मरीज का निबंधन नहीं हो सका. इस कारण ये मरीज बिना इलाज कराये ही या तो अपने घर लौट गये या फिर निजी क्लिनिक का सहारा लिया.
संगठन को एकजुटता बनाये रखने की अपील
इधर, विभिन्न मांगों को लेकर संविदा पर कार्यरत चिकित्सकों की हड़ताल सोमवार को 16वें दिन भी जारी रही. इन चिकित्सकों ने एक बार फिर संगठन को एकजुट रहते हुए अपनी मांग को पूरा होने तक हड़ताल पर बने रहने की प्रतिबद्धता जतायी है. सोमवार को अस्पताल परिसर में चिकित्सकों ने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि जब तक इनके मांग को पूरा नहीं किया जाता है. तब तक चिकित्सकों का हड़ताल इसी प्रकार जारी रहेगा.
हड़ताल के कारण सदर अस्पताल सहित जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गयी है. वहीं, नियमित चिकित्सकों की स्थिति भी खराब होती जा रही है. दरअसल, नियमित चिकित्सकों को हड़ताल के कारण लगातार कई घंटों तक ओपीडी, इमरजेंसी व अन्य विभाग में काम करना पड़ रहा है. इससे इन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.