डेढ़ माह पूर्व ही बिहार सरकार डीजल पर टैक्स 16 से बढ़ा कर 18 प्रतिशत कर जनता पर अतिरिक्त बोझ डाल चुकी है. टैक्स बढ़ाये जाने का असर बिहार में डीजल-कारोबार पर भी पड़ा है. यूपी से बिहार में डीजल दो, झारखंड से चार और पश्चिम बंगाल से 80 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है. नतीजा यह है कि बिहार से गुजरने वाले हजारों ट्रक, बस और अंतरराज्यीय वाहन बिहार में प्रवेश करने से पहले ही डीजल ले लेते हैं.
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सरकार खजाना नहीं भरे जनता का रखे ख्याल: मोदी
पटना: नीतीश सरकार अपना खजाना भरने के चक्कर में है. इसी चक्कर में सरकार ने डीजल-पेट्रोल पर सरचार्ज बढ़ाया है. डीजल-पेट्रोल महंगा होने का सीधा असर आम जनता पर पड़ता है. नीतीश सरकार जनता पर बोझ न डाले और सर चार्ज बढ़ाने का निर्णय अविलंब वापस ले. सरकार से उक्त मांग शनिवार को पूर्व उप […]
पटना: नीतीश सरकार अपना खजाना भरने के चक्कर में है. इसी चक्कर में सरकार ने डीजल-पेट्रोल पर सरचार्ज बढ़ाया है. डीजल-पेट्रोल महंगा होने का सीधा असर आम जनता पर पड़ता है. नीतीश सरकार जनता पर बोझ न डाले और सर चार्ज बढ़ाने का निर्णय अविलंब वापस ले.
सरकार से उक्त मांग शनिवार को पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने की. उन्होंने कहा कि सरकार डीजल-पेट्रोल उपभोक्ताओं को झांसे में रख कर खजाना भरने में लगी है. सरकार को मालूम है कि बढ़े हुए सरचार्ज से उसके खजाने में 281 करोड़ रुपये आयेंगे, जिसे अंतत: सूबे के उपभोक्ताओं को वहन करना पड़ेगा. कृषि से परिवहन तक पर इसका असर पड़ेगा. एक तरफ केंद्र सरकार जहां महंगाई नियंत्रित करने में जुटी है, वहीं बिहार सरकार सर चार्ज बढ़ा कर उपभोक्ताओं पर बोझ डाल रही है.
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