संयुक्त राष्ट्र : भारत ने संयुक्त राष्ट्र और उसके निकायों को आतंकवाद के मुकाबले के लिए ‘प्रासंगिक और प्रभावी’ बनाने का आह्वान करने के साथ ही इस बात पर जोर दिया है कि राष्ट्रीय विधि व्यवस्था पर्याप्त रूप से लचीली होनी चाहिए ताकि इस बुराई के खिलाफ मुकदमा चलाकर उसे दंडित किया जा सके.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत अशोक मुखर्जी ने आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों की शून्य सहिष्णुता की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए कहा कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा और सामाजिक आर्थिक विकास के लिए सबसे बडा खतरा है.
उन्होंने कल यहां संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक केंद्र परामर्श बोर्ड की बैठक में कहा, ‘हम संयुक्त राष्ट्र विशेष रूप से उसके दो दर्जन से अधिक निकायों को आतंकवाद के मुकाबले में प्रासंगिक और प्रभावी बनाने का समर्थन करते हैं.’ मुखर्जी ने कहा कि आतंकवाद के मुकाबले के लिए कानून का इस्तेमाल करना इस वैश्विक चुनौती से मुकाबला करने का सबसे प्रभावी तरीका है.